जीएसटी काउंसिल ने कारोबारियों को दी बड़ी राहत, विलंब शुल्‍क माफ और ब्‍याज पर भी छूट



जीएसटी काउंसिल ने छोटी कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए विलंब से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर ब्‍याज को आधा कर दिया है। ऐसी कंपनियों को लेट से जीएसटी रिटर्न फाइल करने पर 9 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। वहीं, मई से जुलाई के बीच में जीएसटी रिटर्न दाखिल करते वक्‍त विलंब शुल्क नहीं देना पड़ेगा। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामण ने काउंसिल की बैठक के बाद शुक्रवार को ये जानकारी दी। 

वीडियो कांफेंसिंग के जरिए बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में जुलाई 2017 से जनवरी 2020 की अवधि के जीएसटीआर-3बी के लिए विलंब शुल्क में कमी की गई है। उन्‍होंने कहा कि इस पर किसी तरह की कर की जवाबदेही नहीं है। इसके साथ ही उन्हें किसी तरह का विलंब शुल्क देने की आवश्‍यकता नहीं है। सीतारमण ने कहा कि जीएसटीआर-3बी को लेट से फाइल करने के अधिकतम शुल्क की सीमा 500 रुपये की तय की गई है। सीतारमण ने कहा कि पिछले दो महीनों में अन्य महीनों की तुलना में 45 फीसद जीएसटी का संग्रह हुआ।

सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक के बहुत सारे रिटर्न फाइलिंग लंबित है। ऐसे में जिन लोगों की कोई कर की जवाबदेही नहीं है, लेकिन जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा है उनसे किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा। लॉकडाउन के बाद पहली बार जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक हुई। बैठक की अघ्‍यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियों कांफ्रेंसिं के जरिए की। वहीं, वित्‍त राज्‍य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के अलावा देश के अन्‍य राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्‍त मंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए। 
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