भारत में भगवान की बात ना हो ऐसा शायद कभी भी संभव नहीं हो पाएगा। पूरी दुनिया में भारत एक ऐसा देश हैं जहां भगवान की इतनी पूजा की जाती है। भारत में रहने वाले लोगों के लिए धर्म धार्मिक और भक्त भगवान के ऊपर पूरा भरोसा रहता है। यहां के लोग चाहे कुछ हो जाए भगवान को पूजना नहीं भूलते, हालांकि कुछ नाष्तिक लोगों की बात तो अलग है लेकिन भारत में ज्यादातर लोग आस्तिक ही है।
यहां के लोगों को जब भी जीवन से जुड़ी कुछ समस्याएं होती हैं तो वो सबसे पहले भगवान के द्वार पर मत्था टेकते हैं ताकि उनकी समस्या का समाधान आसानी से हो जाए। इससे भी ज्यादा चमत्कारिक बात ये है कि भक्त की परेशानी पहले से कम या खत्म भी हो जाती है। यहीं वजह है कि भारत में भगवान के ऊपर से लोगों की आस्था और विश्वास कभी खत्म नहीं होती। शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। इनमे से कुछ देवी देवाताओं की पूजा सबसे अधिक की जाती है।
सभी भगवानों में से भगवान शिव जी को हिंदू धर्म में सबसे बड़ा माना जाता हैं। उनकी पूजा बड़े ही शानदार तरीके से की जाती है। शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ऐसे भगवान है जो अपने सच्चे भक्तों की हर मनोकामना को पूरी करती है। यहीं कारण है कि भगवान शिव की पूजा सबसे ज्यादा की जाती है। भारत के हर प्रान्त में भगवान शिव के मंदिर देखने को मिल जायेंगे। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति को बहुत ज्यादा चढ़ावा चढानें की भी जरुरत नहीं पड़ती है। भगवन शंकर को मात्र धतूरे से भी प्रसन्न किया जा सकता है। शिवपुराण में वर्णन मिलता है कि भगवान शंकर की पूजा में फूल-पत्तियों का विशेष महत्व है।
हम लोगों ने शंकर भगवान की पूजा में ज्यादातर देखा है कि उसमें फूल, बेलपत्र, दूध, घी, गंगा जल, शहद, भांग आदि तो सबको चढ़ाते हुए देखा है लेकिन एक और चीज है जिसे चढ़ाने एक विषेश महत्व है। शमी का पत्र भी भगवान शंकर को चढ़ाना लाभदायक होता है। शमी का पत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से धन और सौभाग्य म ए वृद्धि होती है। प्रतिदिन शिवमंदिर जाकर तांबे के लोटे में गंगाजल या पवित्र जल भरकर ले जाएँ। उसमें चावल और सफ़ेद चन्दन मिलाकर शिवलिंग पर “ॐ नमः शिवाय” बोलते हुए अर्पित कर दें। जल चढ़ाने के उपरांत भगवान शिव को चावल, बेलपत्र, सफ़ेद वस्त्र, जनेऊ और मिठाई के साथ शमी का पत्र भी चढ़ाएँ। शमी के पत्र चढ़ाते समय यह मंत्र अवश्य पढ़े।
अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।
भगवान शिव के पूजा करने की सटीक विधि-
- शमी पत्र चढ़ाने के बाद भगवान शिव की फूल, बेलपत्र, भांग, अगरबत्ती, घूप, घी के दीये, कपूर के साथ पूजा करें।
- हर रोज सूर्यास्त के बाद शिवलिंग के पास शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि दीपक मिट्टी का ही होना चाहिए।
- शिवलिंग पर चाँदी के लोटे से दूध चढ़ाना बहुत ही फलदायी होता है।
- दूध चढ़ाते समय “ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए।माना जाता है कि शिवलिंग पर धतुरा चढ़ाने से व्यक्ति को नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।
- भगवान शिव की कृपा हमेशा बनाये रखने के लिए गले में रुद्राक्ष की माला धारण करें। ये कुछ उपाय हैं जिनसे आपके ऊपर भगवान शिव की कृपा सदा बनी रहेगी