भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से कोच और सहयोगी स्टाफ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। गोपीचंद के अनुसार पिछले तीन माह से कोच और सहयोगी स्टाफ से जुड़े लोगों की कोई आय नहीं हुई है।
इसी को देखते हुए अकादमियों और खेल संस्थाओं के लिए कोष जुटाने के लिए गोपीचंद ने अर्जुन पुरस्कार विजेता एथलीटों अश्विनी नचप्पा और मालती होला के साथ मिलकर एक कार्यक्रम भी शुरू किया है। गोपीचंद ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग कोई आय नहीं होने के कारण कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ को सबसे ज्यादा परेशानी आई है।
हम खेलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जरूरत के लिए इस पहल का समर्थन और धन जुटाने की उम्मीद करते हैं।’’कोरोना वायरस प्रसार को रोकने के लिए देश भर में 25 मार्च से ही लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। उस समय से लगभग सभी खेल गतिविधियां स्थगित हैं। गोपीचंद के धन एकत्र करने के कार्यक्रम के तहत होने वाली इस दौड़ में सभी प्रतिभागियों को कुल मिलाकर 3,84,400 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। यह दूरी धरती और चांद के बीच की दूरी है।
इस दौड़ की शुरूआत 20 जून को होगी जबकि इसका समापन 20 जुलाई को होगा। इसमें देश भर के पेशेवर और गैरपेशेवर धावक हजारों की संख्या में भाग लेंगे। दौड़ के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 18 जून तक जारी रहेगी। इसमें हर धावक को 30 दिनों में न्यूनतम 65 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। वहीं पंजीकरण कराने वाले को अपने पसंद की खेल अकादमी को 100 रूपये का दान करना होगा।