सतह को छूने से कम फैलता है संक्रमण



घर से बाहर निकलते समय लोगों को अक्सर डर होता है कि किसी संक्रमित सतह को छूकर वे भी कोरोना वायरस के शिकार न हो जाएं। एक चीनी अध्ययन में दावा किया गया कि कोरोना वायरस संक्रमित सतह को छूने से बेहद कम फैलता है। मरीज के सांस लेने या बात करने के दौरान निकले वायरस के कण प्रसार की ज्यादा बड़ी वजह हैं। बीजिंग स्थित रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के शोधकर्ताओं की मानें तो कोरोना से संक्रमित मरीज सांस के जरिये हर घंटे लाखों वायरस हवा में छोड़ते हैं। भले ही उनमें संक्रमण का स्तर बेहद कम क्यों न हो। ऐसे में सांस लेने और बात करने के दौरान उनसे वायरस का प्रसार सबसे ज्यादा होता है।

यह स्तर छींकने और खांसने के दौरान निकलने वाले एयरसोल (पानी की सूक्ष्म बूंदें) से कहीं ज्यादा है। जियांक्सिन मा के नेतृत्व में हुए इस शोध में कोरोना से संक्रमित 35 मरीज शामिल हुए। शोधकर्ताओं ने सभी मरीजों की सांस, अस्पताल के कमरे, टॉयलेट, फर्श से जुटाए गए 300 से अधिक वायरल नमूनों का अध्ययन किया। धातु पर वायरस की संख्या बेहद कम पाई गई पूर्व में हुए कई अध्ययनों में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस धातु और प्लास्टिक पर कई दिनों तक टिका रहता है। हालांकि, चीनी शोध में सिर्फ एक सीढ़ी की रेलिंग पर उल्लेखनीय मात्रा में वायरस की मौजूदगी दर्ज की गई। धातु की सतहों पर इसका स्तर उतना नहीं मिला कि लोगों को संक्रमित कर सके।
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