ऑस्ट्रेलिया की सुप्रीम कोर्ट ने सिडनी में होने वाले ब्लैक लाइव्स मैटर रैली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि इससे कोरोना का खतरा है। न्यू साउथ वेल्थ की पुलिस ने इसे रोकने के लिए अदालत से आदेश मांगा था।
अमेरिका में जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद वहां पर प्रदर्शनकारियों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए हजारों प्रदर्शनकारियों के एकत्रित होन की उम्मीद थी। जिससे वह ऑस्ट्रेलिया कि पुलिस की कस्टडी में स्वदेशी लोगों की मौत के विरोध में क्रोध व्यक्त कर सकें। कोर्ट का आदेश आने के बाद भी आयोजकों का कहना है कि विरोध के साथ आगे बढ़ने के लिए दृढ़ हैं।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डेसमंड फगन ने कहा कि कोरोना बीमारी को हराने के लिए लोगों ने बहुत कुछ किया है। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं ने इस अवसर पर विरोध के अधिकार को खत्म कर दिया है। यह सावधानी बरतने का समय है। उन्होंने कहा कि एक साथ 10,000 लोगों को एकत्रित करना एक अनुचित प्रस्ताव था। इसके कारण उन्होंने इसे रद्द कर दिया है ।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने भी शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों की आलोचना करते हुए उन्हें रुक जाने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का कोई बेहतर तरीका निकालते हैं। बजाय इसके कि अपनी और दूसरों की जान को खतरे में डालें।
दरअसल ऑस्ट्रेलिया में कोरोना संक्रमण के 7,200 के करीब मामले दर्ज हुए थे। अप्रैल से इसमें कमी आई।न्यू साउथ वेल्स में एर हफ्ते से ज्यादा कोई सामुदायिक संक्रमण प्रसार का मामले दर्ज नहीं हुआ है। अमेरिका में जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद से ऑस्ट्रेलिया में अपने देश में पुलिस की हिरासत में असंगत संख्या में अश्वेत लोगों की मौत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
यह प्रदर्शन सिडनी, ब्रिसबेन, पर्थ, कैनबेरा में पहले ही हो रहे हैं और इस सप्ताह के अंत में और बढ़ने की संभावना है।
मेलबर्न की पुलिस ने लोगों से आग्रह किया था कि वह किसी तरह के प्रदर्शन में भाग ना लें और आयोजकों से कहा था कि इसे रद्द करने नहीं तो जुर्माना लिया जाएगा। हलांकि ब्रिसबेन और एडिलेड में प्रदर्शन को पुलिस की अनुमति प्राप्त हो गई थी।