यहाँ के कमरों में भरे हैं तरह तरह के पकवान, कुओं से निकाले जाते हैं खीर और सब्जी, फावड़े से निकालते हैं लोग मालपुएं


जी हाँ सुनने में बेहद असंभव लगने वाली ये बात बिल्कुल सच है. मध्यप्रदेश के एक शहर में एक ऐसा आयोजन किया जा रहा है जहाँ के कमरे रंग बिरंगे पकवानों से भरें हैं वहीं कुओं से लोग खीर और सब्जी निकलते हैं. तो आईये आपको बताते हैं की आखिर इतना बड़ा आयोजन किस लिए किया जा रहा हैं.
सीता और राम मिलन समारोह का हो रहा है आयोजन

बता दें की मध्यप्रदेश के ग्वालियर के कहरधाम गावं में पिछले एक हफ्ते से सीता राम मिलन समारोह का आयोजन किया गया है. आपको जानकर हैरानी होगी की इस समरोह में रोज करीबन साठ हजार से एक लाख श्रद्धालु तक आते हैं जिनके भोजन की व्यवस्था यहाँ इतने सारे पकवान और मालपुएं बनाकर प्रसाद के तौर पर किया जाता है. बता दें की यहाँ आये हर श्रद्धालु को प्रसाद के रूप में मालपुएं के साथ साथ खीर सब्जी और अन्य पकवान परोसें जाते हैं. सूत्रों की माने तो इस समारोह में लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन 151 टन से भी ज्यादा खीर मालपुएं और नया पकवान बनाएं जाते हैं. भारत को ऐसे ही अनेकता में एकता का देश नहीं कहा जाता है, यहाँ की सभ्यता और संस्कृति पूरे दुनिया के लिए एक मिशाल है. वास्तव में इतने लोगों को प्रसाद के रूप में भोजन करवाना वाकई एक बहुत ही कुशल कार्य है जिसकी चर्चा चारों तरफ लोग कर रहे हैं. इतनी भाड़ी संख्या में भोजन बनाने के लिए भी यहाँ अलग से इंतजाम किये गए हैं जिसे ना तो आजतक किसी ने देखा होगा और ना ही सुना होगा. इतनी भाड़ी मात्र में बनने वाले भोजन को रखने के भी विशेष इन्ताज्म किये गए हैं यहाँ. आपको बता दें की इस महाभोज की तैयारी के लिए छे छे फीट गहरे गड्ढे खोदकर कुएं बनवाएं गए हैं जिसमे खीर और सब्जी को रखने की व्यवस्था की गयी है. इस गड्ढों से बाल्टी में रस्सी बांधकर खीर और सब्जी निकाले जाते हैं. इसके अलावे 300 वर्गफीट में फैले एक कमरे में मालपुएं बनवाकर रखे गए हैं.
इसलिए करवाया जाता है ये विशाल आयोजन

आपको बता दें की ग्वालियर से सटे कहरधाम में पाटिया वाले बाबा का मंदिर है जहाँ उनके 60वीं बरसी पर इस विशाल भोज का आयोजन किया गया है. इस विशाल आयोजन के लिए आसपास के करीबन 80 अन्य गावं अपने श्रद्धा अनुसार इस विशाल भंडारे में अपना योगदान देते हैं और यहाँ आने वाले श्रद्धालु भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार इस भंडारे में अपना योगदान देते हैं लेकिन उनके लिए ऐसी कोई सीमा नहीं रखी गयी है. आसपास के गावं वाले अपने दूध की बिक्री रोककर इस समरोह में पूरे दूध की सप्लाई करते हैं. इस विशाल भंडारे के लिए खासतौर पर उतार प्रदेश के मशहूर हलवाई राम भगत को बुलाया गया है. 65 वर्ष के राम भगत ने बताया की इस पूरे भंडारे के आयोजन के लिए 150 लोगों की टीम दिन रात मिलकर काम रहे हैं. आपको जानकार हैरानी होगी की सिर्फ और सिर्फ मालपुएं बनाने के लिए 90 लोगों की टीम आलग से बुलाई गयी है जो दिन रात यहाँ वाले लोगों के लिए मालपुएं बनाती हैं. सिर्फ श्रद्धालुओं को प्रसाद पड़ोसने के लिए करीबन चार सौ लोग अलग से दिन रात काम कर रहे हैं. यहाँ पाटिया वाले बाबा के दर्शन के लिए हर दिन आने वाले लाखों श्रद्धालु और आस पास के लोग अपनी पुरी श्रद्धा और सामर्थ्य के साथ इस भंडारे में अपना योगदान देते हैं.
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