रिजेनेरॉन ने शुरु किया कोरोना रोकने वाली एटीबॉडी दवा का इंसानों पर परीक्षण



कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के काम आने वाली एंटीबॉडी दवा का अमेरिका में इंसानों पर ट्रायल शुरू किया गया है। दवा बनाने वाली रिजेनेरॉन फार्मास्युटिकल्स ने बताया है कि ट्रायल शुरू कर दिए गए हैं। एंटीबॉडी दवा का इंसानों पर अमेरिका में यह पहला ट्रायल है।

ट्रायल सफल होता है तो सितंबर से नवंबर के बीच यह दवा कोरोना के मरीजों के लिए उपलब्ध होगी। रिजेनेरॉन ने बताया है कि ऐंटीबॉडी को चार अलग-अलग तरह के लोगों पर टेस्ट किया जाएगा। कोविड-19 की वजह से अस्पतालों में भर्ती लोगों पर, ऐसे लोगों पर जिनमें बीमारी के लक्षण हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती नहीं हैं, ऐसे लोग जो स्वस्थ हैं लेकिन बीमार होने के खतरे में हैं और उन स्वस्थ लोगों पर जो बीमार इंसान के नजदीकी संपर्क में हैं। 

रिजेनेरॉन के को-फाउंडर, प्रेसीडेंट और चीफ साइंटिफिक ऑफिसर जॉर्ज यानकॉपुलस ने बताया है हमने एक यूनिक एंटी-वायरल एंटीबॉडी कॉकटेल तैयर किया है जो इन्फेक्शन रोकने और इलाज करने की क्षमता रखता है, साथ ही वायरस को फैलने से रोक सकती है जो वैश्विक महामारी के वक्त में अहम है।

रिजेनेरॉन के वैज्ञानिकों ने दो एंटीबॉडीज लेकर एक दवा में इस्तेमाल की। उम्मीद की जा रही है कि यह बीमारी के लक्षणों के इलाज और बुजुर्गों या हेल्थ केयर वर्कर्स जैसे समूहों के बचाव के काम आ सकेगी। इस ट्रायल के पहले पार्ट में यह देखा जाएगा कि क्या थेरपी इंसानों पर इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है।

इसके बाद यह देखा जाएगा कि क्या यह इलाज और बचाव में सक्षम होती है। अमेरिका की एक बायोटेक कंपनी एसएबी बायोथेरेप्यूटिक्स ने गायों के शरीर में ऐसी एंटीबॉडी विकसित करने में सफलता पाई है, जो सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ कारगर साबित हो सकती हैं।

खास बात यह है कि ये आम गाएं नहीं हैं बल्कि इन्हें जेनेटिकली मॉडिफाईड किया जाता है। कंपनी अब इस तरीके का क्लिनिकल ट्रायल करने की तैयारी में है। कंपनी का दावा है कि एक गाय हर महीने इतनी एंटीबॉडी बना सकती है जिससे सैकड़ों लोगों का इलाज हो सकता है। इसे प्लाज्मा ट्रीटमेंट से भी चार गुना बेहतर बताया गया है।
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