मामला नगर कोतवाली के करनपुर का है। यहां रहने वाली महिला ने अपने पति पर अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़िता के पिता ने कहा, बेटी बड़ी हुई तो पता चला कि उसे मासिक धर्म नहीं आ रहा है।
एम्स में दिखाया, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। सभी जगह डॉक्टरों ने कहा कि बेटी मां नहीं बन सकती। जिसके बाद हमने फैसला किया कि बेटी की शादी उसी से करेंगे जिसके बच्चे हों, लेकिन पत्नी न हो।
काफी खोज के बाद लालगंज इलाके में एक युवक मिला। उसके 2 बच्चे हैं, पत्नी का देहांत हो चुका है। वो प्रयागराज एसटीएफ में दरोगा है। जब हम उसके पास रिश्ता लेकर गए तो उसने भी तुरंत हामी भर दी। जिसके बाद 5 अक्टूबर 2019 को हमने बेटी की शादी दरोगा से कर दी। दहेज में काफी सामान भी दिया।
पीड़िता ने कहा, शादी के बाद 2-4 दिन तो दरोगा ने पत्नी का सुख लिया, लेकिन फिर मनमानी पर उतर आया। विरोध के बावजूद वो रोज जबरजस्ती अप्राकृतिक संबंध बनाने लगा। मैं जिस दर्द से गुजर रही थी, उसका पति पर कोई फर्क नहीं था।
मां बनने का सुख पहले ही भगवान ने छीन लिया था और अब पति द्वारा ऐसा दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था। तंग आकर मैंने मां को फोन पर आपबीती बताई। पिता मुझे लेने ससुराल आ गए। काफी जद्दोजहद के बाद आरोपी ने सादे कागज पर मुझसे और पिता से साइन कराने के बाद मुझे जाने दिया। साथ में धमकी दी कि अगर कोई कार्रवाई की तो अंजाम बुरा होगा।
मायके आने के बाद मैं प्रयागराज और प्रतापगढ़ के पुलिस अफसरों से मिली अपनी आपबीती बताई, लेकिन मामला स्टाफ के दरोगा का होने के चलते कहीं सुनवाई नहीं हुई। थकहारकर मैंने रजिस्टर्ड डाक से शिकायती पत्र भेजते हुए कोर्ट की शरण ली।