ऑपरेशन 'समुद्र सेतु' के तहत भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस जलाश्व रविवार को सुबह 11 बजे के करीब मालदीव की राजधानी माले से 700 भारतीयों को लेकर तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर पहुंच गया। बंदरगाह पर पहुंचने से पहले आईएनएस जलाश्व का नौसेना के जहाजों ने स्वागत किया और फ्लीट में शामिल होकर तूतीकोरिन हार्बर में प्रवेश कराया।
भारत सरकार के 'मिशन वंदे भारत' के तत्वावधान में भारतीय नौसेना ने 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' शुरू किया था, जिसका यह तीसरा चरण है। इसके पहले के दो चरणों में मालदीव से 1488 भारतीय नागरिकों की समुद्री मार्ग से 'घर वापसी' की जा चुकी है। मालदीव से भारतीय नागरिकों को लाने के लिए आईएनएस जलाश्व 4 जून को सुबह राजधानी माले पहुंच गया था। शुक्रवार को जब आईएनएस जलाश्व पोर्ट ऑफ माले पहुंचा तो भारतीयों को जहाज पर सवार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। पहले सभी यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। जहाज पर चढ़ने से पहले आईडी और उनका सामान आवंटित किया गया।
शुक्रवार देर शाम को 700 भारतीय नागरिकों को लेकर आईएनएस जलाश्व तमिलनाडु में तूतीकोरिन बंदरगाह के लिए रवाना हुआ था। संगरोध का पालन कराने के लिए यात्रियों को जहाज पर विशेष रूप से चिह्नित क्षेत्रों में बिठाया गया। जहाज के चालक दल ने भी सामाजिक दूरी, कीटाणुशोधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया। तूतीकोरिन बंदरगाह पर जब आईएनएस जलाश्व ने अवरोहण किया तो सबसे पहले महिलाओं को क्रूज से बाहर आने दिया गया। एक बुजुर्ग को बीमार हालत में व्हील चेयर से जहाज से बाहर लाया गया।
पोर्ट ट्रस्ट की तरफ से टर्मिनल पर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई थी ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी यात्रियों को चिकित्सा सुविधा दी जा सके। बंदरगाह से बाहर आने के बाद सभी भारतीयों को राज्य अधिकारियों को देखभाल के लिए सौंपा दिया गया। इसके बाद बसों से सभी यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। आईएनएस जलाश्व अब तक अकेले मालदीव और श्रीलंका से लगभग 2700 नागरिकों को भारत वापस ला चुका है।