वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों से चालू वित्त वर्ष 2020-21 में कोई नई योजना नहीं शुरू करने को कहा है। इसके साथ ही ये भी कहा है कि कोविड-19 संकट को देखते हुए जो संसाधन पहले से मौजूद हैं उनका ही इस्तेमाल सावधानी पूर्वक किया जाए। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना की वजह से जारी मौजूदा आर्थिक संकट में खर्चों की कटौती के तहत यह फैसला लिया गया है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार फिलहाल कोई नई स्कीम लाने के पक्ष में नहीं है। इसलिए सभी मंत्रालयों से भी कह दिया गया है कि इस संबंध में वह कोई नया प्रपोजल न भेजें। गौरतलब है कि इससे पहले भी खबरें आ रही थीं कि वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को कह दिया है कि वह कोई नई स्कीम से जुड़ा आवेदन ना भेजें। हालांकि, वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले विभाग के एक कार्यालय ज्ञापन के मुताबिक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज, आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज और किसी अन्य विशेष पैकेज या घोषणा के तहत योजनाओं के लिए धन आवंटित किया जाएगा।
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कहा है कि कोविड-19 की महामारी को देखते हुए सरकारी वित्तीय संसाधनों की अभूतपूर्व मांग और उभरती और बदलती प्राथमिकताओं के अनुसार संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने की जरूरत है। इसके साथ ही जो योजनाएं पहले से ही वित्तीय वर्ष के लिए मंजूर है, वे अगले साल 31 मार्च तक या अगले आदेशों तक निलंबित रहेंगी। इसमें उन योजनाओं को भी शामिल किया जाएगा जिनके लिए विभाग द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। हालांकि, मौजूदा चल रही योजनाओं के संबंध में विभाग ने कहा कि उसने पहले ही 31 मार्च, 2021 तक अंतरिम विस्तार दिया गया है।