10वीं के छात्र ने विज्ञान की दुनिया में कर दिखाया ऐसा चमत्कार, जिसे आजतक कोई वैज्ञानिक भी नहीं कर पाया


वैसे तो दुनियाभर के वैज्ञानिक हर दिन कोई न कोई नई खोज करते ही रहते हैं ताकि वे हमारे जीवन को और भी सरल बना सके। हालांकि, उनके पास इतना ज्ञान और सालों का अनुभव होता है जिससे कि वे नए- नए खोज़ों को करते रहते हैं, लेकिन यदि कोई 10वीं का छात्र यानी कि महज़ 15-16 साल का बच्चा एक ऐसा चमत्कार दिखाए, जिसे कभी किसी ने सपने में भी नहीं सोचा हो तो? जी हां, दरअसल हाल ही में एक 10वीं के छात्र एक ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया है जिसे वैज्ञानिक सालों से नहीं कर पाए थें।
10वीं के छात्र ने विज्ञान की दुनिया में कर दिखाया ऐसा चमत्कार, जिसे आजतक कोई वैज्ञानिक भी नहीं कर पाया
10वीं के छात्र ने विज्ञान की दुनिया में कर दिखाया ऐसा चमत्कार, जिसे आजतक कोई वैज्ञानिक भी नहीं कर पाया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तमिलनाडु के रहने वाले मनोज ने एक ऐसा जादुई यंत्र (डिवाइज़) बनाया है जिससे कि हमें हार्ट अटैक से 6 घंटे पहले ही अलर्ट मिल जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि इस डिवाइस से साइलेंट हार्ट अटैक आने वाले व्यक्ति को भी बचाया जा सकता है।
10वीं के छात्र ने विज्ञान की दुनिया में कर दिखाया ऐसा चमत्कार, जिसे आजतक कोई वैज्ञानिक भी नहीं कर पाया
दरअसल, मनोज ने इस तरह के डिवाइस को बनाने की तब ठानी जब उनके दादा जी का साइलेंट हार्ट अटैक आने के कारण निधन हो गया था। अब ज़ाहिर सी बात है आए दिन साइलेंट हार्ट अटैक के कारण न जाने कितने ही लोगों की जान चली जाती है। लेकिन उनके पीछे उनके परिवा व बच्चों को हज़ारों परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है।
यही वजह थी कि मनोज ने इस डिवाइस को बनाने की ठानी। हाल ही में 16 वर्षीय मनोज को इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों गोल्ड मैडल से भी सम्मानित किया गया। बकायदा मनोज को राष्ट्रपति भवन में बतौर अतिथि भी आमंत्रित किया गया।
10वीं के छात्र ने विज्ञान की दुनिया में कर दिखाया ऐसा चमत्कार, जिसे आजतक कोई वैज्ञानिक भी नहीं कर पाया
बता दें कि मनोज ने इस यंत्र के माध्यम से एक ऐसी डिवाइस का खोज किया है जो कि बिना शरीर में कट लगाए व खून के स्पर्श में आए बिना ही ब्ल्ड बयोमार्कर एफएबीपी-3 का पता लगाया जा सकता है। जिसके कारण हार्ट अटैक आने का आशंका बनी रहती है। एक तरह से देखा जाए तो इस डिवाइस की मदद से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
बता दें कि मनोज बड़े होकर एक ‘कार्डियोलॉजिस्ट’ बनना चाहते हैं।
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