बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष ने दो वर्ष पहले करथिया व किलमापुर के बीच के जंगल में अपने खेत में कई फीट गहरा गड्ढा करके बंकर बनाया और उसमें एक सुरंग भी खोदी थी। इसमें कई रातें भी गुजारीं। एक रात कुछ बदमाश आ गए और दरवाजा न खोलने पर पथराव कर दिया। उसके बाद सुभाष घर में आ गया। सौतेले भाई को बंकर वाला खेत देकर समझौते में उसे मकान की जमीन मिली थी।
बुधवार को गांव के लोगों ने इसकी पुष्टि की और बताया कि उसने पहले भी कोई योजना बनाई होगी। सुभाष के दिमाग में दो वर्ष पहले भी ऐसी किसी घटना को अंजाम देने की योजना रही होगी। तभी तो उसने अपने खेत में बंकर बनाया था। इसके लिए उसने कई फीट गहरा गड्ढा कर दीवारें खड़ी की थीं। उस पर गार्डर का लिंटर डाला था। ऊपर झाड़ियां लगा दी थीं। बंकर में घुसने के लिए उसने सुरंग का रास्ता बनाया था। एक सप्ताह तक उसी में रहा।
एक रात कुछ बदमाशों को इस बारे में पता लगा तो वह रात में बंकर के पास पहुंचकर दरवाजा खुलवाने का प्रयास करने लगे। सुभाष ने दरवाजा नहीं खोला तो बदमाश पथराव करने लगे। इसके बाद सुभाष अपने घर चला आया और कुछ दिनों बाद सौतेले भाई राकेश को बंकर वाला खेत समझौते में दे दिया था। इसके बदले में उसे गांव में जिस मकान में रह रहा था वह जमीन मिली थी। गांव के अमर सिंह पाल ने बंकर की बात बताई।