प्रधानमंत्री ने तूफान अम्फान को लेकर की उच्चस्तरीय बैठक, लोगों को बचाने के दिए निर्देश



प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को चक्रवाती तूफान अम्फान को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक  की । बैठक में तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में इस तूफान के असर और संभावित परिस्थितियों की जानकारी ली।  इस दौरान प्रधानमंत्री ने जरूरी सुझाव देते हुए लोगों को बचाने के लिए निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने  राज्यों को आश्वस्त किया कि केंद्र की तरफ से उन्हें हरसंभव मदद मुहैया करायी जायेगी।

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार पी.के. सिन्हा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा भारत सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह महत्वपूर्ण और आपात बैठक इसलिए बुलाई गई थी क्योंकि सोमवार को देश के कई हिस्सों में चक्रवाती तूफान अम्फान से भारी नुकसान होने की संभावना जताई गई है। बैठक में गृह मंत्रालय की तरफ से बताया कि अम्फान के सुपर साइक्लोन में तब्दील होने के आसार हैं और वह बुधवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराएगा। तूफान की गति 185 किमी प्रति घंटे तक होने की संभावना भी जताई गई।

वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के डीजी ने चक्रवाती तूफान अम्फान को लेकर शुरू किए गए तैयारियों के बारे में जानकारी दी। डीजी ने बताया कि तूफान के इलाकों में 25 एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं और 12 टीमों को रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में 24 एनडीआरएफ टीमों को स्टैंडबाई में भी रखा गया है। चूंकि बंगाल की खाड़ी की तरफ से आ रहा यह चक्रवात अम्फान पश्चिम बंगाल और ओडिशा तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए बैठक में तटीय लोगों को तूफान से बचाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए गए। साथ ही, 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी भी की गई। वहीं भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी) ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय के लिए 21 मई तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वह जिले के आपदा संचालन केंद्रों से लगातार संपर्क में हैं। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी.के.जेना ने बताया कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों को जरूरत पड़ने पर इन इलाकों के लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।  जेना ने यह भी बताया कि 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। लोगों को किन स्थानों से निकालना है, यह फैसला उचित समय पर किया जाएगा। 
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