महिलाओं को लेकर आए दिन कई सारी ऐसी खबरें आती है जिसे पढ़ने के बाद लोगों को इस समाज में होने की शर्मिंदगी महसूस होती है। वहीं आपको ये भी बता दें की हाल ही में एक ऐसी खबर आई है जो वायरल हो रही है जी हां दरअसल इस साल गृहलक्ष्मी मैगजीन ने कवर पेज पर स्तनपान कराते हुए एक महिला की तस्वीर छपी हुई थी जिस पर बेहद ही ज्यादा विवाद हुआ था वहीं ये भी बता दें की कई लोग इसे अश्लील बताते हुए कोर्ट पहुंच गए थे। जिसके बाद इसपर इतना बवाल होने के बाद केरल हाई कोर्ट ने केस पर फैसला देते हुए कहा था- ‘स्तनपान कराती हुई महिला की तस्वीर में कुछ भी अश्लील नहीं है, अश्लीलता देखने वाले की आंखों में होती है।’
वैसे आधुनिकीकरण के इस जमाने में ऐसी बातें सामने आना वाकई में इंसानियत को शर्मसार करती है। आज एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां एक मां अपने मासूम बच्चे को दूध नहीं पिला पाई। क्योंकि हाई कोर्ट के इस फैसले को सुनने के बाद भी स्तनपान को लेकर लोगों की मानसिकता में बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। आज भी लोग स्तनपान कराने को अश्लील मानते हैं तभी आज जो घटना हुई जहां कोलकाता के साउथ सिटी मॉल का है, जहां एक मां अपने बच्चे को स्तनपान कराने के लिए एक स्थान ढूंढ़ रही थी।
दरअसल जानकारी के लिए बता दें की मॉल में शॉपिंग करने गई एक महिला को अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने पर मॉल से बाहर निकलने के लिए कहा गया इतना ही नहीं महिला से यह भी कहा गया कि वह बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के लिए टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन बच्चा इतना रो रहा था कि उस मासूम को देख एक गारमेंट शोरूम मालिक का कलेजा पसीज गया और उसने महिला को अपने यहां ट्रायल रूम में दूध पिलाने की अनुमति दी।
इसके बाद अभिलाषा दास अधिकारी नाम की महिला ने मॉल के फेसबुक पेज पर फीडबैक सेक्शन में अपनी सारी कहानी लिखकर बताई, उसमें बताया की कैसे मॉल प्रशासन की तरफ से जब ऐसा जवाब अाया तो वो सुनकर बेहद ही हैरान थी, जवाब में लिखा गया, “अपने बच्चे को फीड कराने की व्यवस्था पहले से कर लेनी चाहिए. आप अपने घर के काम घर पर ही करें, मॉल में नहीं।”
महिला ने फेसबुक पोस्ट और मॉल की तरफ से आया जवाब दोनों तेजी से वायरल हो गए। इसके बाद मॉल प्रशासन बचाव करने के लिए बिना किसी शर्त के माफी मांगे तब भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हो रहा था और मॉल प्रशासन को अपने फेसबुक पेज से फीडबैक ऑप्शन को हटाना पड़ा।
बताते चलें कि महिला ने लिखा कि वो शौचालय में पहुंची लेकिन वहां बदबू थी और ऐसे माहौल में वह बच्ची को स्तनपान नहीं करा सकती थीं। बिटिया भूखी थी और रो रही थी, ऐसे में कॉरिडोर की बेंच पर उसे दूध पिलाने का काफी प्रयास की लेकिन यह बहुत असहज स्थिति थी।