महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप को अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओए) से सीख लेनी चाहिये। सचिन ने कहा कि हालात को देखते हुए आईओए ने खेलों को एक साल के लिए टाल दिया। ठीक इसी प्रकार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के कार्यक्रम में भी कुछ बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप को लेकर कुछ तो करना पड़ेगा। आप देखेंगे कि ओलम्पिक को भी एक साल के लिए टाल दिया गया है पर इसे नाम टोक्यो ओलम्पिक-2020 ही दिया जाएगा, बेशक ये 2021 में खेले जाएं। इसी तरह से हमें वो समय निकालना पड़ेगा जहां आप जानते हो कि सभी मैच खेले जा सकते हैं, जो इस समय होने चाहिए थे।
हमें देखना पड़ेगा कि उन मैचों को भविष्य में कैसे किया जा सकता है और इसी के साथ चैम्पियनशिप को जारी कैसे रखा जा सकता है।" उन्होंने कहा, "फिर से शुरू करना बड़ी बात होगी। अगर आपने कुछ शुरू कर दिया है तो इसे सबसे सही और पारदर्शी तरीके से खत्म करना चाहिए जहां हम सभी बाकी के मैच करा सकें और हर किसी को एक सही मौका दे सकें। हम समय सीमा बढ़ा सकते हैं क्योंकि यह टूर भी पूरी तरह से रद्द नहीं हुए हैं, उन्हें स्थगित कर दिया गया है। इसलिए टूर के साथ चैम्पियनशिप भी स्थगित की गई है।" इस बात पर भी काफी चर्चा होती है कि खिलाड़ी को उम्र या फिटनेस में से किस आधार पर चुना जाए। इस समय पूरे विश्व में खिलाड़ियों की फिटनेस का स्तर काफी बढ़ रहा है। यह सवाल हमेशा पूछा जाता है कि क्या सीनियर खिलाड़ी युवाओं का रास्ता रोक रहे हैं। सचिन चयन संबंधी नीतियों में पड़ना नहीं चाहते लेकिन वो कहते हैं कि चयन का पैमाना फिटनेस होना चाहिए, उम्र नहीं।