एक तरफ जहां सरकार बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान के चलते लोगों को जागरूक करते नहीं थक रही। वहीं दूसरी तरफ आज के दौरान में भी कुछ लोग बेटियों को अभिशाप मान रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का है, जहां एक विवाहिता के लिए बेटी को जन्म देना अभिशाप बन गया। क्योंकि बेटी पैदा होने पर उसके ससुरालियों ने नाराजगी जताते हुए न सिर्फ उसकी पिटाई की बल्कि उसे दुधमुंही नवजात बच्ची के साथ घर से निकाल दिया।
इसके बाद पीड़िता दुधमुंही बच्ची को गोद लेकर पुलिस ऑफिस अपनी फरियाद लेकर पहुँची तो पुलिसाधिकारी ने भी देरी नहीं की और थाना पुलिस को ऐसे दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दे दिए। दरअसल मामला थाना सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के बिलौचपुरा गांव का है, जहां महक नाम की युवती की शादी 3 साल पूर्व गांव के ही एक युवक के साथ हुई थी। शादी के बाद से सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच 20 जनवरी को महक को गर्भवती की अवस्था मे ससुराल वालों ने गांव के ही सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहा 25 जनवरी को महक ने एक बेटी को जन्म दिया।
वहीं बेटी के जन्म की सूचना मिलते ही महक के ससुराल वाले नाराज हो गए और उसके मायके वालों को सूचना देकर अस्पताल से नदारद हो गए। इसी बीच जब महक के मायके वाले छुट्टी दिलाकर महक उसे ससुराल लेकर पहुँचे और उसे ससुराल छोड़कर आ आ गए। वहीं महक के मुताबिक उसके पति ससुरालियों ने बेटी पैदा होने का ताना देकर उसे प्रताड़ित किया।
साथ ही उसने यह भी बताया कि उसके साथ मारपीट करते हुए उसे और उसकी बेटी को बोझ बताने लगे और ताने देने लगे, जिसका महक ने विरोध किया तो पति और ससुरालियों ने उसे पिटाई कर नवज़ात बच्ची सहित घर से निकाल दिया। इसके बाद अपनी नवजात बच्ची को लेकर पीड़ित पुलिसाधिकारी से फरियाद लगाने एसपी ऑफिस पहुँचे और आपबीती बताई, जिसके बाद पुलिस ने भी मामले की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल थाना पुलिस को कड़ी कार्रवाई के आदेश दे दिए है