कोरोना वायरस छूने और रेस्पायरेटरी सीक्रेशन के अलावा सेक्स से भी फैल सकता है। असल में विशेषज्ञों को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे उन्हें डर है कि कोरोना सेक्स से फैल सकता है। उन्हें रिकवर हो चुके पुरुषों के सीमन (वीर्य) में इन्फेक्शन मिला है। चीन में शोधकार्ताओं ने 38 पुरुषों के सीमन का विश्लेषण किया जिन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। ेंशोधकर्ताओं के मुताबिक, उनमें से कुछ में सुधार हो गया है जबकि कुछ में संक्रमण बरकरार है।
छह में से एक के सीमन में कोरोना वायरस मिला है, इनमें से वे भी हैं जो लंबे समय तक बीमार नहीं थे। चीन के शांगकियु म्यूनिसिपल अस्पताल में यह स्टडी की गई है। हेनान प्रांत में सिर्फ इस अस्पताल में कोरोना का इलाज हो रहा है। जनवरी से फरवरी के बीच 15 साल से ऊपर के पॉजिटिव लड़कों व पुरुषों से सैम्पल लिए गए हैं। 38 में से 15 गंभीर रूप से बीमार थे जबकि बाकी ठीक हो गए थे।
सीमन में जीका, इबोला भी मिले थे
चीन के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने स्वीकारा है कि यह नतीजे उनके लिए हैरान करने वाले नहीं हैं क्योंकि सीमन में जीका और इबोला वायरस भी मिले थे। हालांकि, चीनी अध्ययन में यह साबित नहीं किया जा सका है कि सेक्स से संक्रमण हो सकता है, लेकिन चीनी वैज्ञानिकों को आशंका है कि ऐसा हो सकता है।
लोगों में सेक्स को लेकर डर
नतीजे सामने आने के बाद लोगों के मन में सेक्स को लेकर भय पैदा हो गया है। और उन्हें लगता है कि सेक्स से दूरी उन्हें कोरोना के संक्रमण से बचा सकता है। दुनिया में अब तक 37 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। हालांकि, यह आंकड़ा हकीकत से काफी कम हो सकता है क्योंकि इसमें वैसे लाखों लोग शामिल नहीं है जिन्हें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं और वे बिना टेस्ट घर पर ही ठीक हो गए हैं।
सीमन में जीका, इबोला भी मिले थे
चीन के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने स्वीकारा है कि यह नतीजे उनके लिए हैरान करने वाले नहीं हैं क्योंकि सीमन में जीका और इबोला वायरस भी मिले थे। हालांकि, चीनी अध्ययन में यह साबित नहीं किया जा सका है कि सेक्स से संक्रमण हो सकता है, लेकिन चीनी वैज्ञानिकों को आशंका है कि ऐसा हो सकता है।
लोगों में सेक्स को लेकर डर
नतीजे सामने आने के बाद लोगों के मन में सेक्स को लेकर भय पैदा हो गया है। और उन्हें लगता है कि सेक्स से दूरी उन्हें कोरोना के संक्रमण से बचा सकता है। दुनिया में अब तक 37 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। हालांकि, यह आंकड़ा हकीकत से काफी कम हो सकता है क्योंकि इसमें वैसे लाखों लोग शामिल नहीं है जिन्हें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं और वे बिना टेस्ट घर पर ही ठीक हो गए हैं।