राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने गुरुवार को कहा कि विशाखापत्तनम में गैस रिसाव के बाद स्थानीय लोगों द्वारा गले और त्वचा में जलन और कुछ जहरीली गंध की सूचना के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। उन्होंने कहा कि लगभग 1000-1500 लोगों को निकाला गया है और इन लोगों में से 80-100 लोगों को अस्पताल ले जाया गया है।
प्रधान ने कहा कि घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने अलसुबह लगभग 2:30 बजे दी थी। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को सूचित किया। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी और दमकल कर्मी स्थान पर पहुंच गए। विशाखापत्तनम की एनडीआरएफ इकाई को सुबह पांच बजे सूचित किया गया। वे आधे घंटे में घटना स्थल पर पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू कर दिया। प्रधान ने कहा कि अभी लोगों का ध्यान निकासी और इलाज पर है, तीन-चार गांव और 500 परिवार प्रभावित हुए हैं। घटना के पास के दो गांव ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि बल की एक विशेष टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और बेचैनी की शिकायत करने वाले लोगों की जांच कर रही है। प्रधान ने बताया कि यह स्टाइरीन गैस है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, गले, त्वचा, आंखों और शरीर के कुछ अन्य अंगों को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि प्लास्टिक की इस फैक्ट्री में लॉकडाउन के बीच में काम-काज फिर से आरंभ किया जा रहा था और किसी दुर्घटना के बाद गैस का रिसाव हुआ।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार की सुबह एलजी पॉलिमर उद्योग में यह दुर्घटना हुई। यहां आरआर वेंकटपुरम गांव में स्टाइलिन गैस रिसाव के बाद एक बच्चे सहित कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है और करीब 100 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।