नकली नोटों की ये है असल कहानी, पहले ऐशो आराम, अब बेचैन दिन रात

नकली नोटों की असल कहानी गलत राह पर चलते हुए जल्द अमीर होने के सपने देखने वाले युवाओं के लिए सबक लेने वाली है। नकली नोटों से नवलगढ़ स्थित किराए के फ्लैट पर महंगी शराब व सिगरेट पीते हुए ये युवक ऐशो आराम कर रहे थे। फ्लैट पर ही रात को नकली नोट छाप कर मजे से पार्टी करते थे। शराब के ठेकों से भी नकली नोटों से शराब लेकर आते थे। अब असली कहानी यह है कि पिछले दो दिन से चारों आरोपी गुमसुम बैठे रहते हैं। रातभर तनाव में सो भी नहीं पाते। 
कोतवाल उदयसिंह ने बताया कि अंकित, रामावतार, शुभकरण, सुरेन्द्र से पूछताछ की जा रही है। चारों नकली नोटों से जल्द अमीर बनने का सपना संजोए बैठे थे। नकली नोटों से आलीशान जिंदगी जीने की चाहत थी। पुलिस चारों को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर फिर से रिमांड लेगी। अंकित ने बताया कि वे कल्याण सर्किल पर लक्ष्मी ट्रेवल्स से नकली नोटों का कारोबार कर रहे थे। यहीं से अन्य दोस्तों को अपने साथ जोड़ लिया था। दूध खरीदने से लेकर शराब, सिगरेट तक नकली नोटों से खरीदी गई। दो सौ रुपए का छोटा नोट होने के कारण व्यापारी जल्द शक नहीं करते थे। 

ट्रेवल्स पर टिकटों के लेनदेन में भी नकली नोटों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस चारों युवकों की कॉल डिटेल के आधार पर अन्य एजेंटों के बारे में पता लगा रही है। आरोपी अंकित पढ़ाई में होशियार रहा है। वह साइंस का छात्र था। अंकित का नेवी की परीक्षा में दो बार सलेक्शन हो चुका है। एक बार नेवी की फाइनल मैरिट लिस्ट में चूक गया, वहीं दूसरी बार फिजीकल में रह गया। अब वह दिल्ली पुलिस में हैडकांस्टेबल की तैयारी कर रहा था। इसी तरह रामवतार भी विज्ञान कॉलेज में अध्यक्ष पद पर रहा है और कर्राटे में राजस्थान की तरफ से गोल्ड मेडल जीता था। स्पोटर्स कोटे से पुलिस एसआइ भर्ती की तैयारी कर रहा था।
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