जयपुर में पकड़ाए भैंस चोर गैंग, कई गांवों में थी दहशत, रातभर जागकर देना पड़ता था पहरा

क्राइम मीटिंग में आयुक्त की क्लास के बाद पुलिस अब चोरों की धरपकड़ में जुट गई है। शिवदासपुरा व आस-पास के इलाके में लगातार हो रही भैंस चोरी की वारदात का भी पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पिछले कुछ महीनों में इलाके में एक दर्जन से अधिक भैंस चोरी की वारदात हो चुकी थीं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक गुप्ता ने बताया कि भैंस चोरी की फिराक में घूम रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया, बाद में इनके तीन सहयोगियों को भी पकड़ा। 
गिरफ्तार आरोपी बाड़ापदमपुरा निवासी नैनूराम उर्फ भौजू (24), दांतली निवासी प्रहलाद (22), विमलपुरा निवासी गिर्राज बागरिया (19), कादेडा निवासी गिर्राज उर्फ रिंकू को योजना बनाते पकड़ा है। वहीं इनके सहयोगी बाड़ापदमपुरा निवासी हिम्मत बागरिया (30), ग्यारसीलाल बागरिया (40) और रोशन बागरिया (26) है। एक बाल अपचारी को भी निरूद्ध किया है। यह इलाके के ही रहने वाले हैं,जिस कारण लोग इन्हें जानते भी है और यह रास्ते से परिचित थे। आरोपियों ने इलाके में 9 जगह से 15 भैंस चोरी करना स्वीकार किया है।

29 जनवरी को किलकीपुरा गांव मे भैंस चोरी का मामला सामने आया। इसके बाद आरोपियों ने फिर से एक बाड़े की दीवार तोड़कर भैंस चोरी की। हालांकि भैंस नजदीक ही मिल गई। बाद में पुलिस ने 2 फरवरी को हनुमान मन्दिर के पास प्रहलादपुरा रिंग रोड के पास से चोरी की योजना बनाते चार जनों को गिरफ्तार कर लिया। फिर इनके सहयोगियों को पकड़ा। आरोपियों को पकडऩे से पहले पुलिस ने मुखबिरों सहित 120 लोगों से पुलिस ने बातचीत की।

दिन में भैस या पाड़ा खरीदने वाले व्यापारियों के रूप में गांव-गांव में घूमकर रैकी करते। भैंसों को देखने के बहाने चोरी के लिए चिन्हित कर लेते थे। रात्रि में लोडिंग वाहन व दो-तीन मोटरसाइकिल पर तारबंदी काटने, दीवार तोडऩे, लोहे की चद्दर काटने व ताला तोडऩे के औजार लेकर आते थे। आरोपियों से वारदात में इस्तेमाल औजार व वाहन भी बरामद किए हैं। आरोपियों का साथी बाल अपचारी दिनभर इलाके में रैकी करता था और वह मासूम बनकर लोगों के घर में ही खाना खाने के लिए ठहर जाता था।
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