जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर भड़काऊ भाषण के लिए अपने खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में दर्ज पांच एफआईआर की एक साथ दिल्ली में जांच की मांग की है। कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दस दिनों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की ओर से कहा गया कि उसने जामिया और अलीगढ़ में दो भाषण दिए। उसे उसने खुद अपलोड नहीं किया। उन्हें भी टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी की तरह राहत मिले। फिलहाल शरजील इमाम गुवाहाटी की जेल में बंद है। पिछले 18 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के ख़िलाफ़ दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में साकेत कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत चार्जशीट दाखिल किया गया है।
चार्जशीट में कहा गया है कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने शाहीन बाग में देश को तोड़ने की बात कही थी। पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत आरोप लगाया है। 18 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था जिसमें शरजील इमाम पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया गया है। शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया।