करोड़पति बनने के चक्कर में अपनाया गलत रास्ता, भाई के साथ मिलकर बनाया गैंग

देशभर में इंश्योरेंस राशि लैप्स होने के नाम पर 200 लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाला मास्टरमाइंड गौरव शर्मा कॉल सेंटर में नौकरी करने के दौरान इंटरनेट से करोड़पति बनने की चाहत रखता था। उसने रिमांड में कबूल किया है कि इसी कारण आज वह सलाखों के पीछे पहुंचा है। एमकॉम करने के बाद कॉल सेंटर में कुछ हजार की नौकरी से तंग आकर गौरव ने अपना खुद का फर्जी कॉल सेंटर खोलकर अपराध की ओर पहला कदम बढ़ाया था। उसने शातिर गैंग बनाने के लिए अपने बेरोजगार भाई अंकुर वर्मा को पार्टनर बना लिया था।
गाजियाबाद निवासी गैंग के सरगना दोनों सगे भाई गौरव वर्मा और अंकुर वर्मा ने टीम लीडर के नाम पर मनीष कुमार और 23 वर्षीय मुकेश कुमार को नौकरी दी थी। इसके अलावा झारखंड निवासी राजू राजन, सूरज मुर्मु और ममता को लोगों की डिटेल्स लाने, कॉल करने और मुखबरी करने को नौकरी दी थी। पांच दिन के रिमांड में आरोपित की निशानदेही पर रजिस्टर में लिखी डिटेल्स की तह तक जाने के साथ फरार सदस्य ममता की गिरफ्तारी में पुलिस लगी लगी है। सूत्रों के अनुसार साइबर सेल के पास शिकायतकर्ता भी आ रहे हैं।

साइबर अपराध के मामले में शातिरों की तलाश में पुलिस के रडार पर झारखंड का घने जंगल वाला जामताड़ा इलाका होता है। इस महीने स्थानीय पुलिस के हत्थे चढे़ साइबर क्राइम के मास्टर टिंकू मंडल के नाम करोड़ों की प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ था। यूटी साइबर सेल भी गैंग सरगना दोनों भाइयों के साथ झारखंड निवासी तीन आरोपितों के बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी डिटेल्स भी खंगालने में लगी है। गैंग से 100 सिमकार्ड, 100 एटीएम कार्ड, 100 पासबुक, 70 चेकबुक,  40 रजिस्टर,  25 मोबाइल व दो लैपटॉप बरामद हुए हैं।
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