पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई हैं, जहां घरों में काम करने वाली एक महिला सड़क पर भटकती हुई मिली। इस दौरान जब स्थानीय लोग मदद के लिए आए तो उसने उनको गुमराह करते हुए बताया कि जिस घर में काम करती थी उन लोगों ने कोरोना जैसे लक्षण होने के बाद उसे हटा दिया है।
महिला में मिल रहे थे कोरोना के लक्षण
हालांकि पुलिस ने जब मामले की छानबीन की तो मामला ही उलट गया। महिला जिस बात की दावा कर रही थी पुलिस को कुछ और ही पता चला। पुलिस के मुताबिक महिला ने खुद ही काम पर जाना छोड़ दिया था। महिला ने बताया था कि उसकी तबीयत सही नहीं है और उसमें कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण दिख रहे हैं।
पुलिस लड़की को कोरोना टेस्ट के लिए ले गई
पुलिसकर्मियों के मुताबिक वह अपने प्रेमी से मिलना चाहती थी और इसी के कारण उसने कोरोना की झूठी बीमारी की कहानी बनाई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसने खुद ही काम पर जाना बंद कर दिया। हमारे पास फोन आने के बाद हमने उसे ढूंढा। इसके बाद उसका कोरोना का टेस्ट कराने के लिए उसे ले गए। डॉक्टरों ने उसके कोरोना वायरस से बीमार होने की संभावनाओं को खारिज किया। वह शायद अपने दोस्त से मिलने के लिए परेशान थी। इसी के चलते उसने स्थानीय लोगों के पूछने पर कोरोना की कहानी रच दी।'
स्थानीय लोगों ने पूछा था परेशानी का कारण
सूत्रों के अनुसार एक झुग्गी बस्ती के लोगों ने उसे भटकते हुए देख परेशानी का कारण पूछा। इसके बाद उन लोगों ने पुलिस और कोलकाता नगर निगम को जानकारी दी। झुग्गी में रहने वाले लोगों ने फिलहाल महिला को शरण देने का फैसला लिया है। लोगों का कहना है, 'हमने उसके खाने और रहने का इंतजाम कर दिया है।'
झूठी निकली उसकी कोरोना की कहानी
झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों के मुताबिक लॉकडाउन की घोषणा के बाद जहां वह काम करती थी उस घर के मालिक ने उससे पांडितिया रोड इलाके में ही रुकने का दबाव डाला था। झुग्गी की निवासी मामोनी दास का कहना है,'यह उसका व्यक्तिगत मामला है।'