शुक्रवार को इस संबंध में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि देश में सबसे बड़ा पुलिस फोर्स सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) है। इसके तीन लाख से अधिक जवान देश में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) दिल्ली से लेकर दंतेवाड़ा तक दूर-दराज इलाकों में सुविधाएं पहुंचा रहा है और जरूरतमंदों की मदद कर रहा है। सीआरपीएफ की बटालियन ने एक लाख किलो चावल वितरित किया है। सीआरपीएफ ने टेलीमेडिसिन की सेवा भी शुरू की है। इसके अलावा सशस्त्र सीमा बल भी अनुकरणीय कार्य कर रहा है। भारत की सीमा पर जरूरत की सभी चीजें प्रदान कर रहा है। इनके जो कर्मचारी छुट्टी पर गए हैं वे स्थानीय क्षेत्रों में प्रशासन की मदद कर रहे हैं।
श्रीवास्तव ने बताया कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) भी आगे बढ़कर हिस्सा ले रहा है। इन्होंने एयरपोर्ट हेल्थ आर्गनाइजेशन के साथ मिलकर विदेशों से आए लोगों की मदद की है। सीआईएसएफ की फायर सर्विंस विंग की सभी 103 यूनिट आसपास के क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन में प्रशासन की मदद कर रहे हैं।
वहीं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे 300 से अधिक गांवों में न सिर्फ आवश्यक चीजें मुहैया कराई है बल्कि चिकित्सा सुविधा की जरूरतें भी पूरी की है। पाकिस्तान से लगती 553 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जो किसान अपने खेतों मे फसल काटने जा रहे हैं, उनके सेनेटाइजेशन में भी उन्होंने मदद की है। बीएसएफ ने मेघालय में पशुओं क लिए चारा उपलब्ध कराया है। इसके अलावा दूर-दराज क्षेत्रों में मोबाइल पेटीएम की सुविधा भी आम जनता को उपलब्ध करा रहे हैं। बीएसएफ ने अपनी पेट्रोलिंग में काफी वृद्धि की है ताकि सीमा पार से कोरोना संक्रमण के मामले न बढ़ पाए।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) कोविड-19 की लडाई में शुरू से जुड़ा हुई है और उसने देश की पहली क्वारंटीन फेसिलिटी स्थापित की थी। पहाड़ी क्षेत्रों में यह बल काफी योगदान दे रहा है। असम रायफल्स ने भी दूर-दराज के क्षेत्रों में किसानों की कृषि उपज और खरीद में मदद की है। इसके अलावा अनाथालय और वृद्धा आश्रामों को भी सेवाएं दी हैं।
वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने अन्य कदमों के अलावा एक सेंट्रलाइज टर्मिनल स्थापित करके कम्युनिकेशन में तेजी लाने का काम किया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) ने 61 हजार लोगों में जागरूकता बढ़ाई है। नेहरू युवा केंद्र के लगभग 8 हजार वालंटियरों ने एक अभियान शुरू किया है जो काविड-19 के क्षेत्रों में काफी योगदान दे रहा है।