ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि आनुवांशिक तौर पर मोटापे का शिकार बच्चों के लिए एक इंजेक्शन तैयार किया है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन में हुए अध्ययन में विशेषज्ञों ने कहा कि बच्चों में आनुवांशिक रूप से मोटापा खराब जीन एमसी4आर के कारण होता है। इसके साथ जन्म लेने वाले बच्चों का वजन काफी उम्र से ही बढ़ना शुरू हो जाता है। प्रमुख शोधकर्ता सिने सोरेनसेन तोरेकोव की टीम ने इस समस्या से निपटने के लिए एक दवा विकसित की है। इसे रोजाना इंजेक्शन के तौर पर लेने से खराब जीन के असर को रोकने में मदद मिलती है।
एमसी4आर जीन का काम भूख के एहसास को नियंत्रित करना होता है। इस इंजेक्शन के जरिए लिराग्लूटाइड दवा मोटापे के शिकार लोगों को दी जाती है। अध्ययन के दौरान इस दवा की तीन ग्राम की खुराक ने भूख को नियंत्रित करने वाले एमसी4आर जीन को सुधारने का काम किया। अध्ययन के दौरान दो समूहों को लिराग्लूटाइड दवा 4 महीनों तक दी गई। एक समूह में मोटापे के शिकार 14 लोग थे, जिनमें खराब जीन एमसी4आर था। वहीं दूसरे समूह में 28 लोग थे, जिनमें यह जीन मौजूद नहीं था। दोनों ही समूहों में लोगों ने 6 से 7 किलो तक वजन घटाया। इससे मोटापे के शिकार लोगों को तकरीबन 7 किलोग्राम तक वजन कम करने में मदद मिली।