जैसा की आप सभी जानते ही हैं की हर घर के परिवार में कुछ बड़े बुजुर्ग होते हैं जो हमें ये सीख देते हैं की कभी भी किसी को अपने आप से छोटा नहीं समझना चाहिए और न ही किसी को नीचा देखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से भगवान को भी बुरा लगता है और वो कहते हैं न की समय बदलते देर नहीं लगती है। तो आज एक ऐसी ही खबर सामने आई है जो इस कहावत को सच साबित करती नजर आ रही है।
जी हां आपको बताते चलें की हाल ही में 13 अक्टूबर को यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल जज एंट्रेंस एग्जाम PCS-J 2016 का परिणाम सामने आया है जिसमें गाजीपुर के औड़िहार के रहने वाले अमित वर्मा का भी नाम है जी हां इस लड़के ने इस परीक्षा में 152वीं रैंक हासिल तो की ही है इसके साथ ही साथ दुनिया को एक ख़ास सीख भी दी है। दरअसल जब अमित के एक दोस्त ने पूछा की ऐसा कैसे हुआ तो उसने जवाब में जो कहाँ वो बेहद भावुक था जी हां दरअसल अमित ने शायराना अंदाज में कहा “बीच मझधार में छोड़ा था मेरा साथ उस बेवफा ने, वक़्त का करिश्मा कुछ ऐसा हुआ कि वो डूबे और हम पार हो गए।
आपको बताते चलें की अमीत वेस्ट बंगाल का PCS-J साल 2012 में किया था क्वालिफाई किया है। इस परीक्षा में पास होने के बाद अमित वर्मा से उनके परिवार के बारे में पूछा गया तो उन्होने बताया की वो बेहद ही साधारण फैमिली से संपर्क रखते हैं और उनकी मां एक साधारण सी हाउस वाइफ हैं और पापा का साल 2011 में कैंसर के चलते देहांत हो गया। ऐसे में भाई के छोटे-मोटे बिजनेस से ही घर का खर्च चलता है। वहीं उन्होने ये भी बताया की पापा का हमेशा से ही सपना था कि मैं बड़ा होकर जज बनूं, लेकिन अब जब मैं ने ये सपना पूरा कर दिया है तो वह पास नहीं हैं। इसके अलावा ये भी बता दें की इस एग्जाम के क्वालिफाई करने से पहले अमित ने साल 2004 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लॉ के लिए एडमिशन लिया था, लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा। जिसके बाद उन्होने सिलीगुड़ी से लॉ कर बीएचयू से LLM पूरी की।
और फिर साल 2012 में वेस्ट बंगाल में अपने घर पर रहकर ही उन्होंने PCS-J क्लियर किया था जिसमे अमित ने 18वीं रैंक हांसिल की थी पर अफसोस की उस दौरान सिलेक्शन सिर्फ 14 रैंक वालों तक के लोगों का ही हुआ लेकिन फिर भी उन्होने हार नहीं मानी और वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने लगे जिसके बाद अमित का एपीओ 2015 का रिजल्ट इसी साल सितंबर में आया था, जिसमें उनका सिलेक्शन भी हो गया था। लेकिन वो अपनी PCS- J का इंतजार कर रहे थे।
क्योंकि इसके पीछे भी एक खास वजह थी जी हां अमित अपने पापा का सपना पूरा तो करना ही चाहते थें लेकिन इसके अलावा उनके दिल एक दर्द था जिसे वो दूर करना चाहते थें इसलिए वो PCS- J का इंतजार कर रहे थे। जी हां अमित ने अपनी कामियाबी की कहानी सुनते हुए बताया कि 2012 के तैयारी के दौरान उनके बैच में एक लड़की भी थी, जिससे अमित ने फेसबुक के जरिए दोस्ती की थी। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे बढ़ने लगी और देखते ही देखते ये दोस्ती प्यार में बदल गई। इतना ही नहीं इस रिश्ते की बात शादी तक पहुंची, लेकिन लड़की हमेशा अमित की बेरोजगारी को लेकर ताना मारती थी जिसकी वजह से अमित ने अपनी गर्लफ्रेंड को खुश करने के लिए दिल्ली में प्राइवेट जॉब तक करने लगे।
जॉब करते हुए उनके सामने उनके पिता का जज बनने का सपना हमेशा उन्हें परेशान करता था। यही कारण था की उन्होने साल 2015 में LLM करने के लिए उन्होंने बीएचयू में एडमिशन ले लिया। इसकी खबर गर्लफ्रेंड को मिलते ही दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगी और एक बार फिर बेरोजगारी की वजह से इस सुंदर रिश्ते में दरार आ गई। कुछ दिन बाद अमित को खबर मिली की लड़की की शादी हो गई है।