अगर हम धार्मिक शास्त्रों की बात करे तो आप सब भगवान् गणेश और कार्तिकेय जी को तो बहुत अच्छे से जानते होंगे. इसके इलावा पूरी दुनिया ये भी जानती है कि भगवान् शंकर और माँ पार्वती इन दोनों के माता पिता है. मगर क्या आप जानते है कि भगवान् भोलेनाथ के पिता कौन है? जी हां भगवान् भोलेनाथ के माता पिता के बारे में शायद ही आप लोग जानते होंगे. बरहलाल आज हम आपको बताएंगे कि भगवान् भोलेनाथ के माता पिता कौन है. वैसे बहुत कम लोग ये बात जानते है कि भगवान् शिव की एक पुत्री भी थी. जिसका नाम अशोक सुंदरी था. दरअसल ऐसा माना जाता है कि भगवान् शिव ने अपने शरीर से देवी शक्ति की सृष्टि की और यह उनके अपने अंग से कभी अलग नहीं हो सकती थी.
यही वजह है कि भगवान् शिव को अर्धनारीश्वर के रूप में भी जाना जाता है. वही अगर भगवान् शिव के पिता की बात की जाए, तो उनके बारे में एक कथा काफी प्रचलित है. गौरतलब है कि एक बार नारद जी ने अपने पिता ब्रह्मा जी से ये सवाल पूछ लिया कि इस सृष्टि की रचना किसने की? इसके साथ ही उन्होंने ये भी पूछा कि आप त्रिदेवो को किसने जन्म दिया? ऐसे में ब्रह्मा जी ने नारद जी से त्रिदेवो के जन्म की गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि देवी दुर्गा और शिव स्वरूप ब्रह्मा के योग से ब्रह्मा, विष्णु और महेश क निर्माण हुआ था. इसके बाद उन्होंने बताया कि एक बार की बात है, जब ब्रह्मा जी और विष्णु जी की लड़ाई हो रही थी, तो ब्रह्मा जी ने ये कहा था कि मैं तेरा पिता हूँ. वो इसलिए क्यूकि ये सृष्टि मुझसे उत्पन्न हुई है.
इसलिए मैं ही प्रजापति हूँ. मगर इस बात पर विष्णु जी ने कहा कि नहीं मैं तेरा पिता हूँ, क्यूकि तू मेरी नाभि कमल से उत्पन्न हुआ है. इसी दौरान सदाशिव जी ने विष्णु जी और ब्रह्मा जी से कहा कि मैंने तुम्हे जगत की उत्पति और स्थिति रूपी दो काम दिए है. इसी तरह मैंने शंकर और रूद्र को दो कार्य संहार और तिरोगति दिए है. इसलिए मुझे वेदो में ब्रह्म कहा जाता है और मेरे पांच मुख है. ऐसे में मेरे एक मुख से अकार यानि अ, दूसरे मुख से उकार यानि उ, तीसरे मुख से मुकार यानि म, चौथे मुख से बिंदु यानि . और पांचवे मुख से नाद यानि शब्द प्रकट हुए है. बस इन्ही पांच अववयो के मिलने से एक अक्षर यानि ॐ अर्थात ओम बना है. यही मेरा मूल मन्त्र है.