कोरोना के संक्रमण से मुक्त लोगों की इम्युनिटी सिर्फ छह महीने ही काम कर सकती है। इसकारण जिन लोगों को रिकवर घोषित किया गया है उनके फिर से बीमार होने की आशंका है। वैज्ञानिकों ने यह दावा उस वक्त में किया है जब ब्रिटेन में लोगों को 'इम्युनिटी पासपोर्ट' देने की योजना बनाई जा रही है यानी जो लोग संक्रमण से मुक्त हैं उन्हें काम करने व बाहर जाने की इजाजत होगी। शोधकर्मियों ने पिछले 35 सालों की अवधि में 10 लोगों पर चार अलग-अलग तरह के कोरोना का टेस्ट किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन चारों कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में सामान्य कोल्ड की समस्या रहती है और इसमें यह बात जो चिंताजनक रूप से सामने आई है कि उनमें इम्युनिटी की अवधि ज्यादा दिन बरकरार नहीं रहती है। उनका कहना है कि 12 महीने के बाद वे लगातार संक्रमित होते रहते हैं और छह महीने के बाद शरीर से एंटीबॉडीज का स्तर घटने लगता है।
उधर, ब्रिटेन में डाउनिंग स्ट्रीट में स्वास्थ्य सचिव ने घोषिणा की थी कि सरकार ने एक करोड़ एंटी बॉडी टेस्टिंग किट बनाने के प्रस्ताव पर साइन किया है। उन्होंने इम्युनिटी बढ़ाने वाले और यह कब तक इंसानों के शरीर में बरकरार रह सकता है, उसके विज्ञान पर जोर दिया। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि मंत्री उस सिस्टम ऑफ सर्टिफिकेट पर काम कर रहे हैं जिसके जरिये कोरोना से सुरक्षित लोगों को काम पर जाने और घूमने की अनुमति दी जाएगी।