विश्व इस्पात संघ ने कहा कि अप्रैल महीने में भारत का कच्चा इस्पात उत्पादन 65 प्रतिशत से अधिक घटकर 31.3 लाख टन पहुंच गया है। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसने भारत में इस्पात के उत्पादन, मांग और आपूर्ति को प्रभावित किया है। विश्व इस्पात संघ (वर्ल्डस्टील) ने एक रिपोर्ट में कहा कि एक साल पहले इसी महीने अप्रैल 2019 के दौरान देश में 90.2 लाख टन कच्चे इस्पात का उत्पादन हुआ था। इससे पहले मार्च 2020 में कच्चा इस्पात उत्पादन मार्च 2019 के 100.4 लाख टन की तुलना में 14 प्रतिशत कम होकर 86.5 लाख टन रहा था। अप्रैल महीने के दौरान वैश्विक स्तर पर इस्पात के उत्पादन में 13 प्रतिशत की गिरावट रही और यह अप्रैल 2019 के 1,576.7 लाख टन की तुलना में कम होकर अप्रैल 2020 में 1,370.9 लाख टन पर आ गया।
कोविड-19 महामारी के कारण आ रही कठिनाइयों को लेकर इस महीने के कई आंकड़े अनुमानित हैं, जिन्हें अगले महीने के उत्पादन अपडेट के साथ संशोधित किया जा सकता है। चीन के इस्पात उत्पादन में पिछले कई महीनों के दौरान पहली बार मार्च में 1.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 789.7 लाख टन रहा। चीन ने अप्रैल में 850.3 लाख टन इस्पात का उत्पादन किया। यह साल भर पहले के समान माह की तुलना में 0.2 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान अमेरिका में उत्पादन 32 प्रतिशत गिरकर 49.6 लाख टन, जापान में 23 प्रतिशत गिरकर 66.1 लाख टन, दक्षिण कोरिया में 8.4 प्रतिशत गिरकर 55 लाख टन, जर्मनी में 10.7 प्रतिशत गिरकर 30 लाख टन, इटली में 30.7 प्रतिशत गिरकर 13.5 लाख टन, फ्रांस में 37.9 प्रतिशत गिरकर आठ लाख टन और स्पेन में 48 प्रतिशत कम होकर 6.7 लाख टन पर आ गया। इनके अलावा अप्रैल में रूस ने 47 लाख टन कच्चे इस्पात के उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया है। इस दौरान यूक्रेन में 13.3 लाख टन, ब्राजील में 18.1 लाख टन और तुर्की में 22.4 लाख टन कच्चा इस्पात उत्पादन हुआ।