जैसा की आप सभी जानते हैं की हर कोई अपने पेट के लिए सबकुछ करने को तैयार रहता है। वो कहते हैं न की जिसतरह से व्यक्ति अपने भोजन के लिए पैसे कमाता है वहीं जानवर भूख लगने पर अपना शिकार तलाश करते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद ही ज्यादा हैरान कर देने वाली है। हमारे देश की लगभग सत्तर प्रतिशत आबादी आज भी गांवों में निवास करती है । जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि है । किसान हमें खाद्यान्न देने के अलावा भारतीय संस्कृति और सभ्यता को भी सहेज कर रखे हुए हैं। यही कारण है कि शहरों की अपेक्षा गांवों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता अधिक देखने को मिलती है।
दरअसल आपको बता दें की ये घटना उत्तर प्रदेश के सिलुआपुर गाँव की है जहां एक सर्वेश कुमार पटेल नाम का गरीब किसान के साथ कुछ ऐसा हुआ कि उसने अपने सपने में भी नहीं सोचा होगा। जी हां जानकारी के लिए बता दें कि उसने एक बकरी पाल रखी थी और फिर वो एक दिन किसी काम से बैंक जाकर 60 हजार रूपए निकालकर अपने घर ले आया ताकि वो अपना पक्का घर बनवा सके पर भूल से ही उसने वो पैसे अपनी एक पैंट में रख दिये और उस पैंट को खूँटी पर टांग दिया और नहाने चला गया।
दरअसल आपको बता दें की इस दौरान वो किसान नहा रहा था तभी बकरी को बहुत तेज भूख लग गई और उसे खाने के लिए कुछ नहीं मिला तभी उसने किसान की पेंट को ही चबाना शुरु कर दिया और उसमें पड़े 60000 रूपए को भी चबा गई लेकिन जैसे ही किसान नहा कर बाहर निकला तब उसे जो दिखा वो देखकर उसके होश ही उड़ गए। बड़ी ही मशक्कत से किसान ने मुस्किल से उसके मुह में से दो नोट बाहर निकाले जो लगभग चबे हुए थे, अब आप खुद सोचिये की अगर किसी गरीब के पास से 60 हजार रूपए चले जाये तो कितनी बड़ी बात है।
वहीं जब ये घटना उसके पड़ोसियों को पता चली तो सभी लोगों ने सलाह दी की बकरी को किसी कसाई को बेच दो कुछ पैसे मिल जाएंगे और उसे उसकी सजा भी मिल जाएगी लेकिन उस गरीब किसान ने ऐसा नहीं किया और आज भी उसी प्यार से बकरी को पाल रहा है। दरअसल उसका कहना था की वो एक जानवर है उसे क्या पता पैसा क्या होता है अगर उसे पता होता तो शायद वो कभी ऐसा नहीं करती और जिस चीज की उसे समझ ही नहीं है मैं उसे उसकी सजा कैसे दूं।
सर्वेश ने ऐसा कुछ नहीं किया उसने कहा की शायद भगवान् की यही मर्जी थी। अगर में इस जानवर को मार दूंगा तो क्या मुझे फल मिलेगा, हो सकता है एक नोट भी साबुत ना निकले। सर्वेश ने कहा की उसकी बकरी को कागज खाने में मजा आता है, वो अक्सर आँगन में पड़े कागज खा जाती है शायद नोटों को भी इसने कागज समझा और खा गई पर में इसे मरना नहीं चाहता क्यूंकि अगर में इसे मार दूंगा तो मेरे अन्दर और बकरी के अन्दर क्या अंतर रह जायेगा।