इंदौर नगर निगम एक कर्मचारी को रिटायर करना भूला
इंदौर. मध्यप्रेदश का इंदौर शहर, नगर निगम कर्मचारियों की मेहनत के दम पर सफाई में नंबर वन बना हुआ है. अपने काम में स्टाफ इतना मसरूफ हो गया है कि वो एक महिला कर्मचारी को रिटायर करना ही भूल गया. वो रिटायरमेंट की उम्र गुजरने के छह महीने बाद तक काम करती रही. जब अफसरों को गलती का एहसास हुआ तो महिला कर्मचारी पर ही दोष मढ़ दिया कि उसे ही रिटायरमेंट का बताना चाहिए था.
लगता है कि इंदौर नगर निगम के अफसर काम में इतने मशगूल हो गए हैं कि कर्मचारियों को रिटायर करना तक भूल रहे हैं. ऐसे ही एक महिला कर्मचारी को नगर निगम के अफसर वक्त पर रिटायर करना भूल गए. छह महीने बाद जब याद आई तो उसे घर बैठा दिया गया. प्रेम बाई वग्गन नाम की महिला नगर निगम में सफाई संरक्षक थी. उसे जुलाई 2019 में रिटायर किया जाना था. लेकिन किसी को याद नहीं रहा. कर्मचारी अपने काम पर आती रही और पूरी तनख्वाह लेती रही. अचानक पता चला कि जिसे रिटायर किया जाना था, उससे अभी तक काम लिया जा रहा है. फिर आनन फानन में अफसरों ने महिला को घर बैठने के लिए कह दिया. साथ ही उस दौरान उसे दिया गया 6 महिने का वेतन लौटाने का आदेश दे दिया.
नगर निगम कमिश्नर आशीष सिंह का कहना है छह महिने की सैलरी महिला से वसूली जाएगी. क्योंकि ये सरकारी पैसा है. जिस अधिकारी से ये गलती हुई है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, उसने समय पर सेवा निवृत्ति का नोटिस क्यों नहीं दिया. सफाई कर्मचारी प्रेम बाई का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी राजेश करोसिया ने बिना कोई नोटिस दिए अचानक उसे घर बैठने के लिए कह दिया. अब छह महीने की सैलरी वसूलने की बात कह रहे हैं. जबकि गलती नगर निगम के अफसरों की है. कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका अधिकारियों के पास रहती है. कौन कब रिटायर हो रहा है, ये उनकी जिम्मेदारी है.
मैंने छह महीने तक पूरी मेहनत से काम किया. ये मेरी मेहनत का पैसा है, इसे हम वापस नहीं देंगे. इस मामले में प्रेमबाई के साथ नगर निगम कर्मचारी महासंघ भी खड़ा हो गया है. संघ के उपाध्यक्ष नागेश गौहर का कहना है कि गलती नगर निगम की है. इसकी सजा महिला को नहीं मिलना चाहिए. यदि उससे 6 महीने के वेतन की वसूली हुई तो उसका विरोध किया जाएगा. नगर निगम के स्वच्छता प्रभारी राजेश करोसिया ने इस गलती के लिए प्रभारी क्लर्क विजय भैरवे को जिम्मेदार मानते हुए उसका ट्रांसफर कर दिया. लेकिन सवाल गरीब महिला की मेहनत के पैसे का है जो नियम के मुताबिक, अब उससे वसूला जाएगा.