कोरोना इलाज की वैक्सीन के लिए दुनिया के तमाम देशों में रिसर्च जारी है। लेकिन कोरोना के संक्रमण के बदलते व्यवहार को देखकर इसकी दवा की खोज पेचीदा होती जा रही है। वहीं ब्रिटेन सरकार ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि कोविड19 से भारी शरीर वाले और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की ही सबसे ज्यादा मौतें क्यों हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के हेल्थ मिनिस्टर मैट हैनकॉक ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को कोविड 19 बीमारी से मारे गए लोगों का रिकॉर्ड खंगाल कर ये पता करने को कहा है कि मोटापे के शिकार और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ही सबसे ज्यादा क्यों मारे जा रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने भारी वजन वाले मरीज़ों को लेकर ये आगाह किया है कि ब्रिटेन में कोविड 19 से मारे गए लोगों में 37 फीसदी मोटापे का शिकार थे। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा है कि अभी इस बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचना बहुत जल्दबाज़ी भी हो सकता है। लेकिन दुनियाभर के मिले डेटा के आधार पर ऐसा दिखाई दे रहा है कि मारे गए लोगों में भारी वजन भी एक वजह है। कोरोनावायरस को लेकर तत्काल प्रभाव से जांच शुरू हो गई है ताकि ये पता चल सके कि कोरोनावायरस से संक्रमित लोग क्या किसी ख़ास समुदाय, जेंडर या फिर मोटापे के शिकार लोग हैं।
हाल ही में न्यूयॉर्क के शोधकर्ताओं ने 60 साल से कम उम्र के लोगों के कोरोना संक्रमित होने के पीछे मोटापे को वजह माना था। एक स्टडी के मुताबिक जिनका बॉडी मास इंडेक्स 30 से 34 के बीच रहा उनकी आईसीयू में गंभीर स्थिति में भर्ती कराने की संभावना ज्यादा रही बजाए 30 से कम बॉडी मास इंडेक्स वाले मरीज़ों के। इसके अलावा सरकार ने अश्वेत और अल्पसंख्य समुदाय से लोगों के कोरोनावायरस से मारे जाने पर चिंता जाहिर की है।