अगर रहना है टेंशन और बिमारी से दूर तो भूलकर भी रात को न करें ये काम



वास्तुशास्त्र में कुछ ऐसे नियम होते है जिसे अपनाना व्यक्ति के जीवन के लिए अच्‍छा होता है और इसे अपनाने के बाद जीवन सुखी, सरल और संपन्न बन जाता है। कई बार बहुत ही छोटी-छोटी बातें भी हमारा बड़ा नुकसान कर सकती है। ज्योतिष में भी कुछ ऐसी ही बातें बताई गई हैं जिन्हें न मानने से सौभाग्य भी दुर्भाग्य में बदल जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारी रोजमर्रा की जो गतिविधियों होती है। दरअसल वो हमारे दाम्पत्य जीवन पर भी बहुत असर डालती है और देखते ही देखते हम अपना सुख, शांति और प्रसन्नता खो देते हैं। शास्‍त्रों में वास्तु एक प्राचीन विज्ञान है, जो हमें बताता है कि घर, ऑफिस, व्यवसाय इत्यादि में कौन सी चीज होनी चाहिए और कौन सी नहीं। साथ हीं हमें यह भी बतलाता है कि किस चीज के लिए कौन सी दिशा सही होगी।

 

 आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे रात में सोते समय ध्‍यान देना चाहिए।

1. वास्‍तु के अनुसार सोते समय हमेशा सिर दक्षिण दिशा की ओर तथा पैर उत्‍तर दिशा की ओर करके सोना चाहिए। कहा जाता है कि इससे पृथ्‍वी की उर्जा का प्रवाह सही बना रहता है।
2. दक्षिण की ओर सिर होने से उर्जा सही तरीके से शरीर में प्रवेश करती है और पैरों के जरिए बाहर निकलती है। इससे शरीर का रक्‍त संचरण और पाचन तंत्र दूरूस्‍त रहते हैं।
3. दक्षिण की ओर सिर होने से नींद अच्‍छी आती है इससे सुबह मन शांत रहता है और तनाव पर नियंत्रण करना आसान होता है।
4. सोते समय दक्षिण की ओर सिर न कर सके तो पूर्व दिशा दूसरा उत्‍तम विकल्‍प हो सकती है इस समय पैर पश्चिम की ओर रहते हैं जिससे प्रकृति की सकारात्‍मक उर्जा का प्रवाह सही बना रहता है।
5. सोते समय पर्व दिशा में पैर नहीं होना चाहिए इससे जीवन के सारे दोषों का प्रवेश होता है यह सूर्यदेव की दिशा है अत: इस दिशा में पैर करना मना है।
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