मानसून में गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ख्याल वरना हो सकता है संक्रमण का खतरा



प्रेगनेंसी के दौरान हर महिलाओं को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। प्रेगनेंट महिला को हर समय बड़े ही अहतियात के साथ हर कार्य को करना होता है। यह समय महिलाओं के लिए बेहद ही नाजुक समय होता है। आमतौर पर महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान नहीं दे पाती हैं, जबकि एक स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए बेहद जरूरी है उसकी मां का भी स्वस्थ होना तभी बच्चे के शरीर का विकास सही ढंग से हो सकेगा।
देखा जाए तो हमारे देश में सभी तरह का मौसम आते है, ऐसे में बारिश के दिनों में प्रेगनेंट महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि इस मौसम मे कई तरह की बीमारियाँ सबसे ज्यादा फैलती है जो माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में उन्हें बरसात के मौसम में अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। इस मौसम में गर्भवती महिला को जरूरी विटामिन, खनिज, कैल्शियम, प्रोटीन और कैलोरी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इस मौसम में खाने-पीने में की गई लापरवाही आपकी तबीयत खराब कर सकती है।
बाहर के खाने में बैक्‍टीरिया होने की संभावना अधिक होती है इसलिए इसे खाने से बचें। दिन में 8-10 गिलास पानी पीएं। इसे उबालें और ठंडा कर पीएं। मानसून में पत्तेदार सब्जियां से परहेज करें। इन सब्जियों में सेल्यूलोस होता है जो ठीक से पचता नहीं है। तला हुआ खाना न खाएं क्योंकि इसे पचने में समय लगता है। फोलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा लेना बहुत जरूरी है, हरी पत्त‍ियों में पाया जाने वाला फोलिक एसिड बच्चे के जन्म से जुड़ी कई परेशानियों से बचाने का काम करता है।

गर्भावस्था में फल खाना बहुत जरूरी है लेकिन कोई भी फल खाने से पहले ये सुनिश्च‍ित कर लें कि फल अच्छी तरह से धुले हुए हों वरना संक्रमण का खतरा हो सकता है। ये सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। बरसात के मौसम में मांस, अंडा, नट्स, पालक, गाजर, आलू, मक्का, मटर, संतरे, अंगूर, तरबूज और जामुन, ब्रेड, अनाज, चावल का सेवन गर्भावस्था के दौरान अवश्य करना चाहिए। अपने खाने में कम से कम नमक का इस्तेमाल करें। लहसुन की चटनी का सेवन करें, इसके सेवन से शरीर का कौई रोग नहीं लगता।

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