न्याय न मिलने पर कुछ ऐसा पदार्थ लेकर डीएम कार्यालय पहुंच गई महिला और फिर जो हुआ...

भूमि पर कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई न होने से क्षुब्ध महिला सोमवार को फिर डीएम कार्यालय पहुंची। पांच दिन पूर्व उसने डीएम कार्यालय के बाहर ही जहर खाया था। इससे सुरक्षा कर्मियों ने उसे पहचान लिया। तलाशी में उसके पर्स में फिर एक पुड़िया मिली। जहर की आशंका में डीएम को जानकारी दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला व उसके साथ आए युवक को भी तलाश कर पकड़ लिया और दोनों को कोतवाली ले गई। डीएम ने युवक के खिलाफ कार्रवाई के आदेश के साथ एसडीएम सदर को जांच सौंपी है।
नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव पुठरी निवासी रीता के पति शैलेंद्र सिंह की मौत हो चुकी है। वह कायमगंज में रहती है। सोमवार दोपहर वह कलक्ट्रेट पहुंची। महिला सुरक्षा कर्मियों ने उसकी तलाशी ली तो पर्स में एक पुड़िया मिली। उसमें जहर होने की आशंका से इसकी जानकारी डीएम को दी गई। डीएम की सूचना पर फतेहगढ़ कोतवाली पुलिस पहुंची। महिला दरोगा ने रीता को हिरासत में ले लिया। साथ आया युवक खिसक गया। एडीएम कार्यालय के बाहर से पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया और दोनों को कोतवाली ले गई। रीता का आरोप है कि उसके ससुरालीजन पति के हिस्से की भूमि पर कब्जा किए हैं। वह इसकी शिकायत थाने से लेकर संपूर्ण समाधान दिवस व आला अधिकारियों से कर चुकी है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
गौरतलब है कि न्याय न मिलने से 18 सितंबर को रीता ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जहरीला पदार्थ खा लिया था। उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फतेहगढ़ कोतवाली के एसएसआई देवेंद्र कुमार ने बताया कि कलेक्ट्रेट से हिरासत में ली गई महिला व युवक को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि महिला के साथ आए युवक की भूमिका संदिग्ध है। युवक के बारे में ग्रामीणों ने भी शिकायतें की। युवक ही महिला पर खेत बेचने का दबाव बना रहा है। महिला के पास से पुड़िया बरामद हुई थी। पूरे प्रकरण की जांच एसडीएम सदर को सौंपी है। 18 सितंबर को महिला के जहर खाने की जांच नवाबगंज थाने के दरोगा नितिन कुमार ने की। उन्होंने बताया कि महिला के नाम 11 बीघा भूमि थी। 
इसमें वह 8 बीघा बेच चुकी है। ढाई वर्ष से रीता बेटी के साथ कायमगंज में रह रही है। तीन बीघा भूमि बेचने को लेकर उसका आए दिन जेठ से विवाद होता रहता है। ये जमीन जेठ ने फिर खरीद ली है। उसका कहना है कि शेष भूमि की वह कीमत देने को तैयार हैं, लेकिन रीता अपनी भूमि जेठ को बेचने को राजी नहीं है। इसी वजह से वह विवाद कर रही है। गांव के संतराम, ठाकुर पुतान सिंह का कहना है कि उन्होंने दो वर्ष से रीता को गांव में नहीं देखा। ग्राम प्रधान ने भी अपने लिखित बयान दिए हैं। सोमवार की शाम एसडीएम सदर अनिल कुमार जांच करने गांव पहुंच गए। उन्होंने बताया कि महिला व उसके जेठ कौशलेंद्र के साझे में कुल नौ गाटा हैं। वह राजस्व कर्मियों से तीन गाटा की नाप कराकर आधा-आधा करवा चुके हैं। ग्रामीणों व प्रधान की मौजूदगी में शेष खेतों को भी बंटवाया जा रहा है। महिला ने अपने हिस्से की जो भूमि बेची है, उसका दाखिल-खारिज न होने से अभी उसी के नाम चल रही है।
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