बालाघाट में जिस संतान को दुनिया में लाने के लिए उसने कई मंदिरों में माथा टेका और दुआएं मांगीं, अब उसी बेटे को वह रोजाना बद्दुआएं देती है। इकलौते बेटे और बहू ने उसे ढाई साल तक बेड़ियों में जकड़कर रखा। पैर और हाथ से बंधी जंजीर का जिक्र करते ही वह फफक-फफक कर रोने लगती है। यह दास्तां है लांजी के बेलगांव में रहने वाली कैतिन बाई (65) पति स्व. जयराम मात्रे की। वह बेटे की यातनाओं को ढाई साल से झेल रही थी। बेड़ियों के कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रही है। पैरों में गहरे जख्म हो गए हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक बेटा उसे इसलिए जंजीर से बांधकर रखता था ताकि वह गांव से बाहर न जाए। वह वृद्ध मां को मारता--पीटता भी था। पैर और हाथ जंजीर से बंधे होने के कारण वह ज्यादा चल नहीं पाती थी। लांजी एसडीओपी नितिन भार्गव ने सोमवार को उसकी यह हालत देखी तो जंजीर काटकर उसे तकलीफ से छुटकारा दिलाया। पुलिस के डर से अब बेटा विनोद मात्रे और बहू फरार हैं।
जंजीर ने कमर तोड़ी और डर ने तो तोड़ दिया मन
नजर पड़ी तो पसीज गया पुलिस ऑफिसर का दिल
एसडीओपी भार्गव टीम के साथ सोमवार को टेमनी चौकी क्षेत्र से सर्चिग कर जंगल से लौट रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर बेलगांव में जंजीर में जकड़ी वृद्ध महिला पर पड़ी। उन्होंने पैरों में जकड़ी जंजीर के बारे में पूछा तो उसने बताया बेटा विनोद उसे जक़़ड कर रखता है। जब एसडीओपी ने कहा बेड़ियां निकाल दें तो उसने मना कर दिया और गोंडी भाषा में गालियां देने लगीं।
नितेश भार्गव, एसडीओपी लांजी ने कहा, 'कैतिन बाई को उसके बेटे ने जंजीर में ढाई साल से बांध रखा था। जंजीर काटकर उसे छुटकारा दिलाया। पुलिस के डर से बेटा विनोद घर से भाग गया है। बुधवार को डॉक्टरों की टीम वृद्घा का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी और जंजीर से उसके पैरों में पड़े गहरे जख्मों का इलाज करेगी। बेड़ियों में जकड़े रहने और बेटे की यातना से महिला का मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया है।