बीमारी से है बचना तो बचे हुए तेल का दोबारा ना करे इस्तेमाल



खाना पकाने के लिए तेल की अहम भूमिका होती है, तडके से लेकर सब्जियां बनाने तक में तेल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अक्सर देखा जाता है भारतीय महिलाएं डीप फ्राइ करने के बाद बचे हुए तेल का उपयोग भी बखूबी कर ले जाती हैं। आहार विशेषज्ञों की मानें तो कडाही में बचा हुआ तेल रैनसेड यानी कैंसरस हो जाता है। एक नामी हॉस्पिटल की रजिस्टर्ड डाइटीशियन बताती हैं कि बचा हुआ तेल सेहत के लिए कितना खतरनाक है और उससे बचने के लिए क्या उपाय अपनाने जरूरी हैं।
आमतौर पर सभी लोग ही घर पर खाने की कई चीजें डीप फ्राई करते है, अधिकतर लोग बचे हुए तेल को दोबारा इस्तेमाल में लाते है। अगर आप भी खाद्य पदार्थों को तलने या पकाने के बाद बचे हुए तेल का दोबारा इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाइए। यह तेल आपके स्वास्थ के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। अक्सर बाज़ार मे आपने देखा होगा की जब पूरी-कचौड़ी या पकौड़ी जैसी चीजों को डीप फ्राई करते हैं तो तेल बच ही जाता है, ऐसे में दुकानदार उसका बार बार इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या कभी सोचा है कि ये आपकी सेहत के लिए कितना ज्यादा हानिकारक हो सकता है।
जी हां, रिसर्च के मुताबिक एक बार इस्तेमाल किए हुए तेल को बार-बार यूज करने से कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती हैं। बचे हुए तेल का इस्तेमाल यानि तेल का बार-बार गर्म होना। एक से अधि‍क बार गर्म किए जाने पर इसके एंटीऑक्सीडेंट और अन्य लाभकारी तत्व नष्ट हो जाते हैं और तेल फायदा पहुंचाने के बजाए नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। इसका प्रयोग करना सेहत ही नहीं त्वचा के लिए भी हानिकारक होता है।

हर बार नए तेल का इस्तेमाल सेहत के लिहाज से सही होता है, लेकिन यह व्यावहारिक नहीं है। क्योंकि एक अनुमान के मुताबिक भारतीय लोग सप्ताह में कम से कम दो बार डीप फ्राइ कुकिंग करते हैं। ऐसे में कडाही में तेल बचना लाजमी है, अगर तेल का दोबारा इस्तेमाल करना जरूरी हो तो बचे हुए तेल को मलमल के कपडे से छानकर ही दोबारा इस्तेमाल में लाएं। इससे तेल में उपस्थित अन्न के कण जो तेल को जल्दी खराब कर सकते हैं निकल जाएंगे।


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