जानें, जीभ का रंग कैसे खोलता है, आपके स्वास्थ्य से जुड़े कई अनदेखे राज़



अगर आप सुबह सुबह अपने दिनचर्या में लगते हैं तो सबसे पहले बड़े ही मेहनत से अपना दांत साफ करते हैं लेकिन आप अपने दांत को चमकाने के बीच आप हमेशा अपने जीभ पर ध्‍यान देना भूल जाते हैं। जी हां दांतों को चमकाने के साथ आप अगर अपने जीभ के रंगों पर ध्‍यान दें तो आपको कुछ खास पता चलेगा। जी चौंकिए मत ये सत प्रतिशत सच है आपके जीभ का रंग आपके स्वास्थ्य के बारे में बहुत सी बातें बताता है। इतना ही नहीं आपके जीभ के रंग के साथ साथ उसका आकार भी आपके व्‍यक्तित्‍व के बारे में बताता है। ये भले ही आप पहली बार सुन रहे हों या फिर आपको विश्‍वास न हो रहा हो लेकिन ये सच है।
1. गुलाबी रंग: बता दें कि एक स्वस्थ व्यक्ति की जीभ का रंग गुलाबी होता है। लेकिन हम अक्‍सर ये देखते हैं कि किसी भी स्वस्थ्य व्यक्ति की जीभ का रंग गुलाबी होता है और उस पर हल्के सफ़ेद रंग की परत भी होती है ऐसे व्यक्ति की जीभ का आकर भी मध्यम मोटा होता है और इस पर दरारें, अल्सर्स या दाँतों के निशान नहीं बने होते हैं।
2. लाल रंग: अगर आपकी जीभ का रंग लाल है आप के शरीर में ख़ास तौर से लौह तत्वों और विटामिन बी की कमी है। दरअसल इन तत्वों की कमी से शरीर में ऊर्जा का स्तर कम होना, कोशिकाओं की वृद्धि में बाधा उत्पन्न होना और इसी कारण नर्वस सिस्टम भी सही से काम नहीं करता है।
3. फीका रंग: अगर आपके जीभ का रंग फीका है तो आपकी जीभ पेल या फीके लाल रंग की हो तो आपको बता दें कि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है। यानि शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने से ऑक्सीजन को डिलीवर करने में परेशानी होती है और इससे हमेशा कमजोरी बनी रहती है। इसके साथ ही ये यह दर्शाता है कि आपकी जीभ पर जीवाणुओं, डेड सेल्स और डेब्रिस का होना भी दर्शाता है।
4. पर्पल रंग: जीभ का रंग पर्पल होने का मतलब ये है कि आपके शरीर में तरल पदार्थ और खून सही तरीके से सर्क्युलेट नहीं हो पा रहा है। जिस वजह से सुस्ती बनी रहती है और कमजोरी हो जाता है। वहीं कुछ मामलों में तो बात डिप्रेशन तक भी पहुँच जाती है। इसके इलावा इन लोगों में कोलेस्ट्रॉल भी अधिक मात्रा में होता है और हृदय संबंधी रोग होते हैं इसलिए उनकी जीभ पर्पल रंग की होती है।
5. काला रंग: वैसे ऐसा तो कभी नहीं होता लेकिन अगर व्यक्ति की जीभ का रंग काला हो जाये यह कुछ समय के लिए ही रहता है और यह नुकसानदायक भी नहीं होता। इसका कारण ये होता है कि जीभ पर बैक्टीरिया और अन्य प्रकार की गन्दगी जमा रहता है जिससे ये काला पड़ जातो है। या फिर तम्बाकू का सेवन, एंटीबायोटिक्स और पेट संबंधी रोगों की दवाइयां लेने से भी होता है।
6. पीला रंग: अगर आपके जीभ का रंग पीला हो या किफर बता दे कि जीभ पर बने छोटे छोटे दानों पर डिहाइड्रेशन, मुँह से सांस लेने, स्मोकिंग करने और बुखार होने पर सूजन आ जाती है इसलिए यह समस्या होती है।
7. सफ़ेद रंग: अगर डॉक्‍टर की माने तो जीभ का रंग सफ़ेद होने का कारण डिहाइड्रेशन, मुँह के छाले, और ओरल ल्यूकोप्लेकिया होते हैं। दरअसल ओरल ल्यूकोप्लेकिया की स्थिति स्मोकिंग करने और अन्य टंग इर्रिटेन्ट्स के कारण होती है।
8. भूरा रंग: वैसे तो जीभ का रंग भूरा होना मेलेनोमा का संकेत माना जाता है लेकिन अगर आपको अपनी जीभ पर इस रंग की परत दिखाई दे तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
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