बेटी के प्रेमी को मृत्यु के घाट उतारने की बात राज ही बनी रहे। इसीलिए पिता और मामा ने मिलकर बेटी की हत्या की साजिश रची। उन्होंने बेटी को चुप रहने के लिए काफी समझाया लेकिन वह जब नहीं मानी तो परिवार वालों ने उसकी हत्या करने की ठान ली। इसके बाद उसे समझा बुझाकर एटा लाए और मरा समझ फेंक कर चले गए।
अलीगढ़ में रहने के दौरान ही निशा और आमिर के बीच नजदीकियां बढ़ गईं थी। निशा और आमिर के प्रेम संबंधों के बारे में जानकारी परिवार वालों को हुई तो उन्होंने इसका विरोध किया। लेकिन निशा और आमिर विवाह करके साथ रहना चाहते थे। जब निशा ने परिवार वालों की बात नहीं मानी तो परिवार वालों ने प्रेमी आमिर को किसी तरह बुलाया और उसकी हत्या कर दी।
हत्या की जानकारी निशा को लगी तो वह परिजनों की पोल खोलने की कह रही थी। छह जुलाई को आमिर की हत्या के बाद परिवार वालों ने निशा को किसी तरह दो दिन थामे रहे और उसकी भी हत्या की साजिश रचते रहे। इसके बाद नौ जुलाई को वह उसे एटा चलने की कह कर साथ ले आए और यहां गोली मारकर मरा समझ कर फेंक कर चले गए।
कई वर्षों से अलीगढ़ रह रहा था परिवार
बारथर निवासी अफरोज करीब सात आठ वर्ष पहले यहां से अलीगढ़ ही चला गया था। इसके बाद उसने धीरे धीरे अपनी गृहस्थी बसाकर परिवार को भी वहीं ले गया। वह अलीगढ़ में राज मिस्त्री का काम करता था। अफरोज के बारथर में दो घर हैं यहां पर उसके भाई व अन्य रिश्तेदार रहते हैं। उन्होंने बताया है कि वह कभी कभार ही यहां आता है। मंगलवार को भी वह वहां नहीं गया था।
पिता के साथ ही हुई थी मुुलाकात
निशा का पिता अफरोज मिस्त्री का काम करता था। वहीं उसका प्रेमी आमिर टाइल्स लगाने का काम करता था। पिता अफरोज और आमिर एक दूसरे को पहले से ही जानते थे। पिता के जरिए ही निशा की मुलाकात आमिर से हुई थी। लेकिन बेटी से प्रेम संबंधों की जानकारी होने के बाद अफरोज आमिर से नाराज और दूर रहने लगा था। इसे लेकर अफरोज अपनी बेटी के साथ भी मारपीट कर चुका था।