चाहे कोई भी धर्म हो व्रत करना हर धर्म में हमेशा से अच्छा माना गया है, कहा जाता है की व्रत करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। लेकिन आपको बताना चाहेंगे की व्रत तभी सफल माना जाता है जब उसे पूरे विधि और नियम के साथ किया जाए ना की सिर्फ दिखावे के लिए। कहा जात अहै की व्रत के दौरान बहुत सी ऎसी बातें हैं जिनका विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यदि व्रत के दौरान इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो हमारे द्वारा किया गया वह व्रत सफल नहीं माना जाता।

बता दे की व्रत तभी सफल माना जाता है तब हम उसे पूरी तरह से समर्पित हो कर पूरी सत्यनिष्ठा और नियमों के अनुसार करें। सबसे पहले बताना चाहेंगे की व्रत से पूर्व कुछ नियम होते है जिनका पालन करना बेहद आवश्यक होता है जैसे क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रिय संयम, देवपूजा, अग्निहोत्र, संतोष तथा चोरी न करना यह दस नियम सम्पूर्ण व्रत में आवश्यक माने गए हैं, अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो उसका व्रत सम्पूर्ण नहीं माना जाता।
इसके साथ ही आपको बता दे की व्रत करने वाले मनुष्य को कभी भी कांसे का बर्तन, मधु, पराए अन्न का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए साथ ही व्रती को अशुद्ध वस्त्रों का भूल से भी उपयोग नहीं करना चाहिए। कहा जाता है की व्रत करने वाले व्यक्ति को कभी किसी असहाय, निर्वल या किसी जीव को अकारण पीडा नहीं पहुंचानी चाहिए ऐसा करने से उसका व्रत टूट जाता है।
