पानी मानव शरीर के लिए बेहद आवश्यक तत्वों में से एक हैं, पानी पीने के फायदे से हर कोई वाकिफ है। ये तो सबको मालूम होगा कि पूरे दिन में कितनी दफा पानी पीना चाहिए और इसके क्या फायदे होते हैं। हमे हमेशा येही बताया जाता है की हर सुबह सोकर उठने के बाद बगैर मुंह धोए 2 गिलास पानी पिए, इससे शरीर के अंदरूनी अंग ज्यादा एक्टिव होते है और चेहरे पर ग्लो आता है। इसके साथ ही शरीर के सारी इंटरनल क्लीनिंग भी होती है। सब जानते हैं कि पानी पीना हमारे लिए कितना ज़रूरी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमे पानी कैसे पीना चाहिए? वास्तव में ज़्यादातर लोग पानी खड़े होकर पीते हैं, जिससे हमारे शरीर पर कई दुष्प्रभाव पड़ते हैं।
आयुर्वेद में पानी पीने के लिए समय और मात्रा भी बताई गई है। अगर पानी को गलत तरीके से पिया जाए या गलत समय पर अधिक मात्रा में पिया जाए तो वह शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। सोने से पहले पानी पीने से आप हार्ट जैसी गंभीर बिमारी से बच सकते है। सोने से पहले पानी पीना हार्ट को नॉर्मल रखता है और हार्ट अटैक से बचाता है।
जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तब यह आसानी से प्रवाह होता जाता है और एक बड़ी मात्रा में नीचे खाद्य नलिका (food canal) में जाकर, निचले पेट की दीवार पर छिड़काव करता है। जब खड़े होकर पानी का सेवन किया जाता है तब पानी तेज़ी से गुर्दे के माध्यम से, बिना अधिक छने, गुज़र जाता है। इसके कारण मूत्राशय या रक्त में गंदगी इकट्ठा हो सकती है जिससे मूत्राशय, गुर्दे और दिल की बीमारियाँ होती हैं। इससे पेट की दीवार और आसपास के अंगों को नुकसान पहुँचता है। लंबे समय तक ऐसा होने से पाचन तंत्र और दिल और गुर्दे की समस्याएं हो जाती हैं।
आपको जानकार हैरानी होगी की अगर पानी खड़े होकर पिया जाए, तो यह शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संतुलन को बिगाड़ देता है। अंततः यह जोड़ क्षेत्रों और जोड़ों में आवश्यक तरल पदार्थ की भी कमी करता है। इससे जोड़ो में दर्द और गठिया जैसी परेशानियाँ उत्पन्न होती हैं।इससे सीने में जलन और अल्सर जैसे रोग भी हो सकते हैं | यह शरीर के निचले हिस्से को बुरी तरह प्रभावित करता है |