कोतवाली नगर क्षेत्र में शनिवार को केन नदी पुल की तरफ आउटर सिग्नल के पास रेल पटरी किनारे युवक और युवती का क्षत-विक्षत शव मिला। उनकी शिनाख्त सुरेंद्र वर्मा (20) पुत्र चुनुबाद और रामकली (19) पुत्री संतू पाल के रूप में हुई। दोनों शहर मुख्यालय से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित मवई गांव के थे। दोनों पड़ोसी थे। युगल प्रेमियों के घरवालों ने बताया कि रामकली और सुरेंद्र दोनों शुक्रवार की शाम घर से बिना बताए निकल गए थे। रात को घर न लौटने पर खोजबीन की गई तो घटना की जानकारी मिली।
दोनों शवों का पंचनामा भरकर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया है। युवती के मामा रामप्रसाद व भाई संदीप पाल ने बताया कि रामकली की शादी दो माह पूर्व 10 जून को महोबा जनपद के अलीपुरा गांव में जयकरन पाल से हुई थी। रक्षाबंधन पर्व पर 15 दिन पूर्व मायके आई थी। संदीप ने दोनों के बीच प्रेम प्रसंग की बात स्वीकारी है। वहीं कथित प्रेमी युवक के भाई रामू ने बताया कि सुरेंद्र आईटीआई में इलेक्ट्रीशियन ट्रेड का प्रशिक्षार्थी था। उधर, कोतवाली नगर इंसपेक्टर बलजीत सिंह ने बताया कि युगल प्रेमियों ने प्रेम-प्रसंग के चलते आत्महत्या की है। सुरेंद्र अनुसूचित जाति और रामकली पिछड़ा वर्ग से थी। उनकी शादी में जाति बंधन आड़े आ रहा था।
घटना से एक दिन पहले ही दोनों ने अपने-अपने घरों में रक्षाबंधन पर्व उत्साह से मनाया था। परिजनों के मुताबिक सुरेंद्र ने राखी बंधवाने पर बहन को रुपये भेंट करते हुए अन्य दो भाइयों से सुरक्षा का वचन लेने को कहा था। भाई रामू वर्मा का कहना है कि उन्हें यह नहीं पता था कि सुरेंद्र इतना बड़ा फैसला कर चुका है। इसी तरह रामकली ने भी घर में भाइयों की कलाई पर खुशी के साथ रक्षा सूत्र तो बांधा, लेकिन किसी से कोई भेंट नहीं ली। संदीप पाल के मुताबिक बहन रामकली ने भेंट में सिर्फ क्षमा मांगी और दूसरे दिन शाम को घर से लापता हो गई। यह भी बताया कि रामकली और उसकी छोटी बहन की शादी एक ही तिथि पर उसी घर में साथ हुई।