आज हम आपको उस चंद्र ग्रहण के बारे में बताएंगे, जो कल लगने वाला है. जी हां कल रक्षाबंधन के दिन बड़ा चंद्र ग्रहण लगने वाला है. कहते है कि ग्रहण भले ही कोई भी हो पर ग्रहण के दौरान ऐसे बहुत से कार्य है जो हमें नहीं करने चाहिए, पर फिर भी हम वो कार्य कर जाते है. जिसका फल हमें बाद में भुगतना पड़ता है. गौरतलब है, कि 2017 का ये पहला ग्रहण होगा जो भारत में लगेगा. इसके इलावा ये चंद्र ग्रहण मध्य रात्रि यानि सोमवार और मंगलवार की रात को पूरे भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा.
आपको जान कर हैरानी होगी कि इस बार कई सालो बाद ये चंद्र ग्रहण रक्षाबंधन के दिन लगेगा. ऐसे में लोगो को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. वैसे हम आपको बता दे कि इस ग्रहण स्पर्श का समय बाइस घंटे बावन मिनट और छप्पन सेकंड है. जब कि ग्रहण मध्य का समय तेईस घंटे पचास मिनट और उन्तीस सेकंड है. इसके इलावा ग्रहण मोक्ष का समय चौबीस घंटे अड़तालीस मिनट और नौ सेकंड है. यानि ये चंद्र ग्रहण कल रात को दस बज कर बावन मिनट और छप्पन सेकंड से आरम्भ होकर अर्ध रात्रि में 48 :09 बजे तक खत्म होगा. इसका मतलब ये ग्रहण एक घंटा बीस मिनट तक रहेगा. इसलिए हम आपको इससे संबंधित कुछ बातें बताना चाहते है.
इसमें सबसे जरुरी बात तो ये है कि सूतक और ग्रहण के समय ऐसे कौन से कार्य है जो आपको नहीं करने चाहिए. इसके अनुसार ग्रहण के समय आपको भगवान् की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए. इसके इलावा खाना पीना, नाख़ून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना आदि सब कार्य भी नहीं करने चाहिए. इसके साथ ही इस दौरान झूठ बोलना, बहस करना और मूत्र विसर्जन से भी परहेज करना चाहिए. वही सूतक काल के दौरान बच्चे, बूढ़े, गर्भवती महिलाएं आदि उचित भोजन खा सकते है. इसके इलावा सबसे जरुरी बात ये है कि जब सूतक काल आरम्भ होने वाला हो उससे पहले ही अचार, मुरब्बा, दूध, दही और अन्य खाद्य पदार्थो में कुशा तृण डाल देना चाहिए और यदि कुशा तृण न हो तो आप तुलसी का पत्ता भी डाल सकते है.