धार्मिक शास्त्रों के अनुसार तुलसी का पौधा बेहद पवित्र और सकारात्मक माना जाता है. यही वजह है, कि हिन्दू धर्म से जुड़ा हर सदस्य तुलसी के पौधे की सच्चे मन से पूजा करता है. बरहलाल तुलसी का पौधा घर में होना अनिवार्य है, क्यूकि इससे न केवल घर में वृद्धि होती है बल्कि घर में सुख शान्ति भी बनी रहती है. यूँ तो हमें हर रोज तुलसी के पौधे की पूजा करनी चाहिए, पर फिर भी शास्त्रों में कई ऐसे दिनों के बारे में बताया गया है, जब तुलसी के पत्ते को तोडना बेहद अशुभ माना जाता है. तो चलिए अब आपको बताते है, कि कौन से खास दिनों में आपको तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
गौरतलब है, कि एकादशी, रविवार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. बता दे कि रात के समय भी तुलसी के पत्तो को नहीं छूना चाहिए और न ही उन्हें तोडना चाहिए. इसके इलावा बिना किसी कारण के तुलसी के पत्ते तोडना भी अशुभ और पाप माना जाता है. अब यूँ तो तुलसी के पत्तो को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. मगर हम आपको बता दे कि तुलसी के पत्तो को चबाने की बजाय यदि आप उन्हें निगल लेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा. जी हां दरअसल तुलसी में पारा धातु होती है, जो आपके दांतो को नुकसान पहुंचा सकती है.
वैसे शिवपुराण के अनुसार तुलसी दैत्यों के राजा शंखचूड़ की पत्नी थी. अब क्यूकि शिव जी ने शंखचूड़ का वध किया था, इसलिए शिव जी का पूजन करने के लिए तुलसी के पत्तो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके इलावा शास्त्रों के अनुसार जिस घर में हर रोज तुलसी की पूजा होती है और सुबह शाम तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाया जाता है, उस घर में महालक्ष्मी की कृपा जरूर होती है. इसके साथ ही इससे घर में सुख शान्ति भी बनी रहती है. बता दे कि तुलसी से कई प्रकार के वास्तु दोष दूर होते है और इससे घर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है.
वैसे ऐसा कहा जाता है, कि जिस घर में तुलसी होती है, उस घर के सदस्यों को कभी बुरी नजर नहीं लगती. जी हां इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इसके साथ ही ऐसी मान्यता है कि तुलसी से घर के वातावरण में फैले सारे कीटाणु नष्ट हो जाते है और इससे घर पवित्र हो जाता है. इसी पवित्रता के कारण घर में माँ लक्ष्मी का वास होता है.