ओलिइक एसिड एक तैलिय पदार्थ है जो जैतून के तेल का एक प्राथमिक घटक है। यह फैटी एसिड के नाम से जाने जाने वाले पोषक तत्वों के समूह का एक सदस्य है। जैतून के तेल में एक प्रमुख घटक लोगों को मस्तिस्क कैंसर से बचाने में सहायक होता है। एक नए अध्ययन के नतीज़ों में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार जैतून के तेल में ओलिइक एसिड नामक एक घाटक पाया जाता है। यह कैंसरकारी जीन को कोशिकाओं में सक्रिय नहीं होने देता है, जिससे टूमओर का निर्माण नहीं हो पाता है। इस तरह यह मस्तिष्क में कैंसर को विकसित होने से रोकता है। उन्होंने कहा, ओलिइक एसिड शरीर को एक कोशिकीय कण के उत्पादन के लिए प्रेरित करता है, जिसका काम कैंसर के कारण बनाने वाले प्रोटीनों के निर्माण को रोकना है।
ब्रिटेन के एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता ग्रन्जान मैक्लेवस्की ने कहा, हालाँकि हम अभी यह नही कह सकते की आहार में जैतून के तेल का इस्तेमाल करने से मस्तिष्क कैंसर को रोकने में मदद मिलेगी। लेकिन हमारे अध्ययन के नतीजों ने दिखलाया है कि इसमें पाया जाने वाला ओलिइक एसिड कोशिकायों में ट्यूमर रोधी कणों का उत्पादन करने में सहायक है।
मैक्लेवेस्की ने कहा , आगे अध्ययनों में एहपुरी तरह पता चल सकेगा की जैतून का तेल मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में किस हद तक कारगर हो सकता है। इस अध्ययन से मस्तिष्क के कैंसर को रोकने के लिए जैतून के तेल पर आधारित उपचार को विकसित करने की संभावना को बल मिला है। नतीजे जर्नल ऑफ़ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में प्रकाशित भी किये गए है।
शोधकर्ताओं ने यह नतीजा प्रयोगशाला में विकसित की गयी मानव कोशिकाओं पर ओलीइक एसिड के प्रभाव को देखने के बाद निकाला है। उन्होंने एमआईंआर-7 नमक एक कोशकीय कण पर ओलिइक एसिड का इस्तेमाल किया और उसके प्रभावो का विश्लेषण किया। एमआईआर-7 मस्तिष्क में सक्रिय रहता है और उसमें ट्यूमर बनाने नहीं देता है। उन्होंने पाया कि ओलिइक एसिड एमआईआर-7 के उत्पादन को बाधित करने वाले एक कोशकीय प्रोटीन को रोक देता है। एर्स प्रोटीन को एमएसआई2 कहा जाता है। इस तरह के जैतून के तेल मौजूद यह घटक एमआईआर-7 के उत्पादन में सहयोग करता है, जो मस्तिष्क में टूमओर बनाने से रोकता है।