हिुदू धर्मों में माना जाता है कि वास्तुशास्त्र के उपायों में बहुत ही ताकत होती है। लेकिन अगर सही तरीके से बताए अनुसार दिशा और तरीके को ध्यान में रखते हुए विधिनुसार कार्य करें तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है। वैसे तो ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सभी मनुष्य की कुंडली में 9 ग्रह होते हैं जो पूरे जीवन मनुष्य पर अपना प्रभाव दिखाते है। इन ग्रहों की स्थिति परिवर्तन के कारण व्यक्ति को समय समय पर अच्छे व बुरे दिनों का सामना करना पड़ता है।
इन 9 ग्रह में से तीन ग्रह ऐसे होते जिसके प्रभाव से व्यक्ति हमेशा डरा हुआ रहता है। वो तीन ग्रह ये हैं- राहु, केतु तथा शनि। सबसे ज्यादा प्रभावकारी शनि ग्रह होता है जिसके प्रकोप से बचने के लिए शनिदेव की पूजा की जाती है शनिदेव का चरित्र भी दण्डाधिकारी के रूप में माना गया है जो हर व्यक्ति के कर्म और सत्य को जीवन में अपनाने की ही प्रेरणा देता है। यही कारण है कि हर व्यक्ति शनिदेव को प्रसन्न करने के चक्कर में रहता है जिससे उसका जीवन सफल हो जाए।
तो आइए जानते हैं उन उपायों को
अगर शनि को प्रसन्न करना है तो आपको एक ऐसा उपाय बता रहे हैं जिससे शनि प्रसन्न हो जाएंगे। शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और दोनों हाथों से पीपल के पेड़ को स्पर्श करें। ये उपाय करते समय पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें और साथ में शनि मंत्र ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’ का जाप करते रहें ताकि आपकी साढ़ेसाती की सभी परेशानियां दूर हो जाए। इस विधि के दौरान इस दिन उपवास रखना होता है अगर व्यक्ति चाहे तो इस दिन एक बार बिना नमक के भोजन कर सकता है।
सबसे जरूरी बात अगर आपके मन में कुछ विशेष मनोकामना हैं तो शनिवार के दिन आप अपने लंबाई के नाप का लाल रंग का धागा लेकर उसे आम के पत्ते पर लपेट दें और उस पत्ते को लेकर अपनी मनोकामना का मन में आवाहन करें जिसके बाद इस पत्ते पर लपेटे हुए धागे को किसी बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इससे आपकी मनोकामना जल्द पूरी होगी।