शुक्रवार की दोपहर एक महिला लखीमपुर जिले की तरफ से आने वाली बस से शारदा नगर में बैराज के पास दो बच्चों के साथ उतरी। शायद बच्चों को भूख लगी थी तो महिला उन्हें एक होटल पर ले गई और उन्हें समोसे खिलाए। इसके बाद घूमते हुए महिला और बच्चे बैराज पर पहुंच गए। महिला ने बच्चों को प्यार किया, फिर बैग से एक लिफाफा निकाल कर उसपर चार लाइनें लिखी और बेटे को थमा दिया। इसके बाद बच्चों के साथ घूमती महिला बैराज के गेट नंबर 17 के पास पहुंची। यह गेट खुला था और पानी का बहाव यहां पर बहुत ही तेज था। महिला ने अपना बैग भी बेटे को थमाया और अचानक नदी मे छलांग लगा दी।
आपको बता दें की यह महिला लखीमपुर के मुहल्ला श्याम नगर निवासी रोशन बघावन की पत्नी खुशबू बघावन थी और बच्चे थे आठ साल का रौनक और छ: साल की अनिका। मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई, बच्चे बिलख कर रोते रहे और खुशबू शारदा नदी के तेज बहाव में विलीन हो गई। उधर से गुजर रहे एसडीएम निघासन भी घटना की जानकारी करने गाड़ी से उतर आए। आनन-आनन नदी में सर्च शुरू हुआ लेकिन सफलता नहीं मिली। बिलख रहे बेटे रौनक के हाथ में अब तक मां का दिया हुआ लिफाफा था। नदी में कूदने से पहले खुशबू ने जो मजमून इस पर लिखा था उसे पढ़कर लोगों का कलेजा मुंह को आ गया। शनिवार की सुबह ही मायके से खुशबू के पिता गुरुचरण चोपड़ा, मां अनीता चोपड़ा, भाई प्रिस आदि लखीमपुर पहुंच गए।
ससुराल की मांग पूरी करते थक गई थी खुशबू
खुशबू का भाई प्रिस बताता है कि नौ साल पहले शादी के बाद से ही बघावन परिवार की तमाम नाजायज मांग शुरू हो गई थी। खुशबू पर घर के भीतर अनेकों पाबंदियां थी। सास, ससुर, पति और देवर सब के सब अपने तेवर में थे। दो महीने पहले ही पांच लाख की मांग की गई। वह भी हमने बैंक आरटीजीएस के जरिए दिए थे लेकिन प्रताड़ना थमी नहीं और हालात यहां तक पहुंच गए। उधर प्रभारी निरीक्षक धौरहरा सुनील सिंह का कहना है कि मामले मे पिता की तहरीर पर खुशबू के पति, देवर और सास-ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस, स्थानीय गोताखोर के साथ पीएसी की एक बटालियन भी लगातार नदी में सर्च कर रही है।