दुल्हन की मायके से डोली तो उठ गई, लेकिन वह नहीं पहुंच सकी ससुराल, जानें क्या है पूरा मामला

शाहकोट के भाखड़ा डैम तथा सतलुज दरिया में बढ़े जलस्तर के कारण पंजाब के कई जिलों में उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति अभी भी वैसी की वैसी है। शाहकोट के लोहियां के गांवों में आई बाढ़ का प्रकोप अंतिम संस्कार के बाद अब शादी समारोह पर भी पडऩे लगा है। बाढ़ के प्रकोप के चलते एक दुल्हन शादी के बाद ससुराल नहीं पहुंच सकी। मायके से डोली उठ गई, लेकिन अब वो ससुराल की दर पर पहुंचने के लिए पति के रिश्तेदार के यहां बाढ़ का पानी खत्म होने का इंतजार कर रही है।
जानकारी के मुताबिक शाहकोट के गांव कुतबीवाल के रहने वाले कश्मीर सिंह की अमृतसर की युवती से शादी तय थी। घर में सब तैयारियां भी हो गई थी। दो महीने पहले शादी की तारीख भी तय हो गई। तब परिवार को पता नहीं था कि शादी के दिन के बाढ़ का प्रकोप भी झेहलना पड़ेगा। वहीं रविवार को बाढ़ आ गई। घर में शादी की तैयारियां धरी की धरी रह गई। शादी तय थी और लड़की वालों ने सब तैयारी कर रखी थी, इसलिए बाढ़ के बीच ही शाहकोट से अमृतसर बारात रवाना हुई। दुल्हन को डोली में बिठाकर विदा करा लाए। अब गांव में पानी खत्म होने का इंतजार है, ताकि अपने घर पहुंच सकें। 
तब तक इलाके में रिश्तेदार के घर शरण लेने को मजबूर हो रखे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भी बाढ़ ने लोहियां में एक महिला की जान ले ली। लोहियां खास नजदीक पड़ते गांव गिद्द ड़पिंडी की 40 वर्षीय महिला दलजीत कौर पत्नी भूपिंदर सिंह की बाढ़ का पानी घरों में घुसने का सदमा लगने से मौत हो गई थी। उक्त महिला को पूरे गांव में पानी भरा होने के कारण शमशानघाट भी नसीब नहीं हुआ था जिस करके परिवार ने उसका अंतिम संस्कार सड़क पर ही कर दिया था।
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