गृह मंत्रालय ने देश में लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे रह गए प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और छात्रों को अपने-अपने घर जाने के लिए व्यवस्था बनाने हेतु राज्यों को निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय ने इसके लिए राज्यों को निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाए। आने-जाने वाले सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया जाए और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों को ध्यान में रखते हुए उन्हें घरों तक पहुंचाया जाए।
बुधवार को मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए लोगों की आवाजाही के लिए नई गाइडलाइन जारी की है ताकि उन्हें एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जा सके। इसके अनुसार, फंसे हुए लोगों को घर तक जाने के लिए सभी राज्य अपने-अपने यहां एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे और मानक प्रोटोकाल का पालन करते हुए राज्य में फंसे लोगों की एक सूची बनाएंगे। फंसा हुआ कोई भी व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य जाना चाहता है तो दोनों राज्यों के बीच आपसी सहमति बनाकर उसे सड़क मार्ग से भेजा जाना चाहिए। वहीं एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे जा रहे लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी। थर्मल स्कैनिंग में जांच नकारात्मक पाए जाने के बाद ही लोगों को आगे भेजा जाएगा।
आदेश में साफ कहा गया है कि व्यक्तियों को उनके नगर तक पहुंचने के लिए केवल सड़क मार्ग का प्रयोग किया जाएगा। इस दौरान बसों को पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा और लोगों को बैठाते समय उसमें पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन होना चाहिए। गंतव्य तक पहुंचने के बाद स्थानीय अधिकारी द्वारा उसकी जांच आदि की जाएगी और स्वस्थ पाए जाने पर उसे घर में ही क्वारंटीन में रहना होगा जब तक कि किसी अलग क्वारंटीन में रखे जाने की जरूरत न हो। इस दौरान समय-समय पर स्वास्थ्यकर्मी उसकी मानीटरिंग और निगरानी भी करेंगे। व्यक्ति को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि वह एप के जरिये अपनी निगरानी और जांच खुद कर सके।