सिरदर्द के अलावा अगर आपके साथ भी होता है ऐसा तो हो जाए अलर्ट, ये संकेत है ब्रेन अटैक के



हार्ट अटैक की तरह ब्राइन अटैक भी एक जानलेवा बीमारी होती है, आपको जानकार हैरानी होगी की मस्तिस्क की बीमारी में लगभग एक चौथाई लोग इसकी वजह से अपनी जान गवाते है। कई बार साधारण नजर आने वाला सिरदर्द ब्रेन स्ट्रोक की वजह से भी हो सकता है। भारत सरकार और अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की एक ज्वाइंट स्टडी के मुताबिक भारत में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण ब्रेन स्ट्रोक है।
बिना कारण यदि जोरदार सिरदर्द हो तो यह हेमरेज के कारण स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। चक्कर आना भी ब्रेन स्ट्रोक का संकेत हो सकता है, डाइबिटीज और तनाव, स्मोकिंग, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और ह्रदय रोग स्ट्रोक के लिए विशेष तौर पर खतरे हो सकते है। दिल्ली के जाने माने अस्पताल मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेस के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. वरुण कटारिया के अनुसार ब्रेन स्ट्रोक यानी की ब्रेन अटैक दिमाग में रक्त का संचार कम हो जाने या रुक जाने के कारण होता है।
आपको बता दे की ऐसा सिर की अंदरूनी नसों में ब्लीडिंग होने के कारण भी हो सकता है जिसकी वजह से ब्रेन की सेल्स काम करना बंद कर सकती हैं या डेड हो सकती हैं। जब ब्रेन की सेल्स डेड होने लगती हैं तो बॉडी के कंट्रोलिंग फंक्शन भी प्रभावित होने लगते हैं। ब्रेन के जिस हिस्से पर असर ज्यादा पड़ा है उसके हिसाब से बोलने, चलने, महसूस करने, हाथ-पैर हिलाने, मेमोरी पर असर पड़ता है। समय पर इलाज मिलने पर कई लोग पूरी तरह ठीक हो जाते हैं नहीं तो पैरालाइज, विकलांग या मौत का शिकार भी हो सकते हैं।

आपको बता दे की इलाज के दौरान सबसे मरीज के खून की जांच की जाती है उयसके बाद दिमाग का सिटी स्कैन, एमआरआई, एंजीयोग्राफी व कुछ और भी जरूरी टेस्ट किए जाते है। बता दे की ब्राइन स्ट्रोक का इलाज विशेष प्रकार स्ट्रोक केयर यूनिट में किया जाता है। यहाँ मरीज को खून के थक्के को तोड़कर घोलने वाली प्लेटलेट दवाए दी जाती है। डॉ. कटारिया का कहना है कि 4 घंटे के भीतर अगर पेशेंट को इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।

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